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जन्म-मृत्यु पंजीयन प्रक्रिया किया जा चुका है पूर्णतः कम्प्यूटरीकृत

भारत सरकार के निर्देशानुसार जिले में वर्ष 2020 एवं 2021 में जन्म-मृत्यु पंजीयन प्रक्रिया पूर्णतः कम्प्यूटरीकृत कर दी गई है। ग्रामीण, नगरीय स्थानीय निकायों और सभी स्तर के शासकीय चिकित्सा केन्द्रों में घटित होने वाली जन्म-मृत्यु की घटनाओं में संबंधित रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) के द्वारा भारत शासन, गृह मंत्रालय अंतर्गत भारत में महारजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा संधारित वेबसाईट crsorgi.gov.in  पर पंजीयन के बाद कम्प्यूटरीकृत प्रमाण पत्र प्रदाय किये जा रहे है।जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय,रायपुर के उप संचालक ने बताया कि पूर्व प्रचलित हस्तलिखित, मैनुअल प्रमाण-पत्र अब कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में ही जिला रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) के द्वारा प्रदाय किये जा रहे है। कुछ योजनाओं विशेष रूप से श्रम विभाग में संचालित योजनाओं एवं बैकिंग तथा बीमा संबंधी कार्यों के लिए कम्प्यूटरीकृत मृत्यु प्रमाण-पत्रों से मिलते-जुलते अवैधानिक प्रमाण-पत्र तैयार कर संबंधित संस्थाओ मे लाभ लेने हेतु प्रस्तुत किये गये है। ऐसे कुछ प्रमाण-पत्र जांच के लिए प्राप्त हुए हैं। इस पर कार्यवाही की जा रही है।उन्होंने बताया कि इस संबंध में शासकीय कार्यालयों, संस्थाओं एवं इकाईयों को सूचित किया गया है कि भारत सरकार के पोर्टल से जारी होने वाले प्रमाण-पत्रों के वैधानिकता की जांच वे स्वयं अपने स्तर पर मोबाईल में क्यू.आर. एवं कोड स्कैनर मोबाईल एप के माध्यम से कर सकते है। इसके लिए गूगल प्ले स्टोर से एप डाउनलोड करने के बाद जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र में अंकित क्यू.आर. एवं बार कोड को स्कैन करने पर प्रमाण-पत्रों की छवि दिखाई देती है, जो प्रस्तुत किये गये प्रमाण पत्र के समान हो तो उसे वैधानिक प्रमाण-पत्र माना जा सकता है।उन्होंने बताया कि यदि प्रस्तुत प्रमाण-पत्र एवं स्कैन करने पर एप में प्राप्त छवि में भिन्नता हो तो उसे अवैधानिक प्रमाण-पत्र समझा जाये। इस आसान प्रक्रिया से अभी शासकीय विभाग एवं विभिन्न बीमा एवं बैकिंग संस्थाएं आदि द्वारा प्रस्तुत प्रमाण पत्रों की वैधानिकता की जांच आसानी एवं शीघ्रता से जांच कर सकते है। पूर्णतः संतुष्ट होने के लिए जारीकर्ता रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) के कार्यालय से इस तथ्य की पुष्टि करायी जा सकती।

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