राजनांदगांव जिला

महापौर के खिलाफ भाजपा पार्षद दल ने लाया अविश्‍वास प्रस्‍ताव

राजनांदगांव। नगर पालिक निगम के भाजपा पार्षद दल ने बुधवार को महापौर हेमा देशमुख के खिलाफ कलेक्‍टर को अविश्‍वास प्रस्‍ताव सौंपा है। भाजपा पार्षदों ने प्रस्‍ताव सौंपते हुए जल्‍द से जल्‍द मतदान करवाए जाने की मांग भी रखी है। कलेक्‍टर ने प्रस्‍ताव स्‍वीकार करते हुए नियम संगत कार्रवाई का आश्‍वासन दिया है।

पार्षदों ने प्रस्‍ताव में उल्‍लेख किया है कि, महापौर ने अपने कार्यकाल में शहर की मूलभूत आवश्‍यकताओं एवं अन्‍य समस्‍याओं के निराकरण को छोड़कर निगम के संसाधनों का दुरुपयोग किया है। उनपर निगम में भ्रष्‍टाचार को बढ़ावा देने के आरोप भी लगाए गए हैं।

भाजपा जिला संगठन के निर्देश पर अविश्‍वास प्रस्‍ताव सौंपे जाने के दौरान जिला भाजपा मंत्री व जिपं सदस्‍य राजेश श्‍यामकर, दक्षिण व उत्‍तर मंडल भाजपा अध्‍यक्षद्वय तरुण लहरवानी, हर्ष रामटेके की विशेष उपस्थिति में नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु के नेतृत्‍व में भाजपा पार्षदगण शिव वर्मा, विजय राय, सुश्री मणीभास्‍कर गुप्‍ता, पारस वर्मा, शरद सिन्‍हा, गप्‍पु सोनकर, गगन आईच, श्रीमती मधु बैद, रानू जैन, कमलेश बंधे, अरुण देवांगन, श्रीमती रंजू मंटू यादव, श्रीमती जया यादव, श्रीमती उत्‍तरा अरुण दामले, श्रीमती सीताबाई डोंगरे, श्रीमती खेमिन राजेश यादव, श्रीमती टुमेश्‍वरी सेवक उइके, श्रीमती भानू साहू मौजूद थे।

भाजपा पार्षद दल के नेता किशुन यदु ने अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर जानकारी देते हुए कहा कि – 27 सितंबर को हमने महापौर हेमा देशमुख को अपदस्‍थ किए जाने के लिए अविश्‍वास प्रस्‍ताव कलेक्‍टर के समक्ष पेश किया है। यह प्रस्‍ताव पूरे नगर के समुचित हित को ध्‍यान में रखकर लाया गया है। उन्‍होंने कहा कि – बीते वर्षों में महापौर हेमा देशमुख ने अपनी निष्क्रियता के चलते जनता का विश्‍वास खो दिया है।

महापौर हेमा देशमुख के कार्यकाल को लेकर उन्‍होंने कहा कि – पौने चार साल का यह वक्‍त शहर के लिए किसी श्राप से कम नहीं है। कांग्रेसी महापौर ने शहर की संस्‍कृति और परंपरा पर जो आघात किया है उसके घाव भरने में बरसों लग जाएंगे। उन्‍होंने कांग्रेसी विचारधारा में घुली-मिली भ्रष्‍टाचार की संस्‍कृति को ही निगम में पोषित किया है। उन्‍होंने अपनी नैतिक जिम्‍मेदारियां भी कभी नहीं निभाई। वे पहली महापौर हैं जिनके कार्यकाल में निगम से जुड़े मामलों में दो-दो आत्‍महत्‍याएं हुईं और महापौर इसे लेकर चुप हैं। निगम के कर्मचारियों को महिनों का वेतन नहीं मिल पा रहा है। निगम में राजस्‍व की हालत खस्‍ता है। इन सबके लिए महापौर हेमा देशमुख दोषी हैं। उन्‍हें इस अविश्‍वास प्रस्‍ताव से पहले ही नैतिकता के नाते इस्‍तीफा दे देना चाहिए था।

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि – हेमा देशमुख के कार्यकाल में शहर बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा है। सड़क, बिजली, पानी और सफाई की व्‍यवस्‍था चरमरा चुकी है। कईयों दफा आवेदन-निवेदन के बावजूद इस ओर कोई ध्‍यान नहीं दिया गया। संस्‍कारधानी की पहचान हॉकी और झांकी रही है। गुरुवार की शाम झांकियां निकलने वाली है लेकिन शहर की गड्ढेदार सड़क पर पैचवर्क तक नहीं किया जा सका है। शहर अंधेरे में है, स्‍ट्रीट लाईटें बंद हैं। हर ओर गंदगी है। मुक्‍कड़ों की संख्‍या बढ़ती जा रही है। अमृत मिशन योजना का लाभ अब तक शहरवासियों को नहीं मिल सका है। अलबत्‍ता गाहे-बेगाहे दो-दो दिनों तक पेयजल आपूर्ति की व्‍यवस्‍था बाधित हो रही है।

बूढ़ासागर सौंदर्यीकरण में भ्रष्‍टाचार के मामले पर बोलते हुए उन्‍होंने कहा कि – यह एक गंभीर मुद्दा है जिसमें सीधे तौर पर महापौर की भूमिका संदिग्‍ध बनी हुई है। इस मामले में दोषी ठहराए गए सहायक अभियंता कामना यादव को दोबारा बहाल कर दिया गया है। यह प्रक्रिया गुपचुप तरीके से पूरी की गई है। जबकि उप अभियंता दीपक माहला अब भी निलंबित हैं। ये इस मामले में एक और लेन-देन की ओर इशारा करता है। जांच रिपोर्ट में आरोपों के साबित होने के बावजूद इस भ्रष्‍टाचार के प्रकरण में महापौर कार्रवाई से पीछे हट रहीं हैं। इस मामले में दोषियों पर अब तक एफआईआर भी नहीं करवाई गई है।

किशुन यदु ने कहा कि टेंडर सहित दूसरे कामों पर निगम में 25 से 27 प्रतिशत कमीशन का खेल चल रहा है। पीएम आवास जैसे कार्यों के लिए भी खुलेआम रिश्‍वतखोरी हो रही है। इस योजना को लेकर शहर में अब तक दो आत्‍महत्‍या हो चुकीं हैं और इन मामलों पर कार्रवाई नहीं की गई है। ये साबित करता है कि यह सब महापौर हेमा देशमुख के इशारे पर हो रहा है। नगर की जनता का शोषण हो रहा है।

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