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मनीष नेताम शहीद लेह लद्दाख में: धमतरी निवासी मनीष नेतामलेह निशान में शहीद 30 दिसंबर को शहीद का शव

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प्रकाशन तिथि: | बुध, 28 दिसंबर 2022 09:22 अपराह्न (IST)

धमतरी (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मनीष नेताम लेह लद्दाख में शहीद हुए देश के लेह संदेश सीमा पर ड्यूटी कर रहे ग्राम ख्रेंगावासी सेना के जवान मनीष नेताम शहीद हो गए। घटना की जानकारी स्वजन को ही मिलते हैं गांव में शोक की लहर है। दो दिन बाद उनका शव धमतरी लाया जाएगा। उसी समय घर वापसी के बाद गांव में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बता दें कि शहीद के स्वजनों को उनके शव आने का इंतजार है। वह मराठा रेजिमेंट में पोस्टस्थ सेना छोड़ रहा था।

धमतरी जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत खरेंगा है। यहां के मनीष नेताम पुत्र राजेन्द्र नेताम 24 साल पिछले तीन साल से सेना में भरती देश सेवा कर रहे हैं। वर्तमान में वह देश के लेह-लद्दाख सीमा पर कर्तव्य कर रहे हैं। 28 दिसंबर की सुबह लेह-लद्दाख में ड्यूटी के दौरान उन्हें सांस में तकलीफ हुई। अन्य सील्स ने उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया, जहां स्नैप्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जवान मनीष नेताम के शहीद होने की जानकारी सेना के माध्यम से घर में दी गई। इस खबर के मिलते ही गांव में शोक की लहर है। गांव के सुभाष साहू और हिरेंद्र साहू ने बताया कि शहीद का शव 30 दिसंबर को गांव में पहुंच जाएगा, इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। शहीद शहीद के माता-पिता को उनके इकलौते बेटे के शव के आने का इंतजार है।

शहीद मनीष इकलौता के बेटे थे

शाहिद मनीष नेताम इकलौता बेटे थे। उनके पिता राजेन्द्र नेताम मजदूर हैं और मां बेलीबाड़ी में सहायिका हैं। उनकी एक बहन खिलेश्वरी है, इस दिन शादी हो चुकी है। उनके पति भी सेना में हैं, जो देश सेवा कर रहे हैं। मनीष नेताम की पढ़ाई-लिखाई गांव के स्कूल में हुई है। वह बचपन से ही मेधावी है और गरीबी के बीच कड़ी मेहनत करके सेना में शामिल हो गया था।

मड़ई कार्यक्रम

क्रिस्टोफर ने बताया कि 29 दिसंबर को ग्राम पंचायत खरेंगा में मड़ई-मेला का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम की पूरी तैयारी कर ली गई है। मंच व मड़ई स्थल सज गया था, लेकिन गांव का बेटा मनीष नेताम के शहीद होने की जानकारी मिलने के बाद गांव में शोक की लहर है। शहीद की श्रद्धांजलि के सामने मड़ई-मेला अनावश्यक नहीं है, ऐसे में यह घटना स्थगित कर दी जाती है। अब पूरे गांव में शहीद मनीष नेताम का पार्थिव शरीर गांव आने का इंतजार कर रहा है।

के द्वारा प्रकाशित किया गया: विनीता सिन्हा

नईदुनिया लोकल
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