कोरबा जिलाछत्तीसगढ़ स्पेशल

मेडिकल कॉलेज के कई विभागों में लटका ताला:जीवनदीप समिति के कर्मचारियों ने शुरू ही हड़ताल, स्थाई भर्ती की मांग; मरीजों की परेशानी बढ़ी

छत्तीसगढ़ के कोरबा मेडिकल कॉलेज के कई विभागों में मंगलवार सुबह से ताला लटका हुआ है। वजह है यहां पर काम करने वाले जीवनदीप समिति के 75 से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। कलेक्ट्रेट दर पर सैलरी देने और अस्पताल में उनकी स्थाई भर्ती करने की इनकी मांग है। जिसकी वजह से वे अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं।दरअसल, कुछ समय पहले भी समिति के कर्मचारियों ने यहां हड़ताल की थी। तब उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांगों को सुन लिया जाएगा। मगर काफी समय बीत जाने के बाद भी उनकी बात नहीं सुनी गई है। इसलिए अब इन्होंने मंगलवार से फिर से हड़ताल शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज में कई पदों पर भर्ती भी होनी हैं। यहां कई विभागों में पहले से ही कई स्टाफ की जरूरत है। इसी वजह से अब जीवनदीप समिति के कर्मचारी उन्हें ही यहां स्थाई रूप से भर्ती करने की मांग कर रहे हैं।

रजिस्ट्रेशन कक्ष के बाहर ऐसी भीड़ थी।

हड़ताल की वजह से मेडिकल कॉलेज के कई विभागों में ताला लटका हुआ है। यहां समिति के कर्मचारी, लैब टेक्नीशियन, डाटा इंट्री ऑपरेटर, रजिस्ट्रेशन विभाग समेत अन्य विभागों में काम करते हैं। अस्पताल में पहले से ही कई विभागों में स्टाफ कम था। ऐसे में इनके ही भरोसे अस्पताल की जिम्मेदारी थी। अब इनके हड़ताल में जाने से मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था पर असर पड़ा है। मंगलवार सुबह से पहुंचे कई मरीज परेशान होते रहे। कई मरीजों का रजिस्ट्रेशन काफी देर तक नहीं हो सका था।

अस्पताल के कई विभागों में ताला लटका है। काम बुरी तरह प्रभावित है।

उधर,समिति के कर्मचारियों का कहना है कि हमने कई बार मांग की थी। लेकिन अब तक नहीं सुना गया। पहले हमसे कहा था कि आपकी मांगों को सुना जाएगा। फिर भी इतने दिन बीत गए, हमारी बातों को नहीं सुना जा रहा है। कर्मचारियों ने कहा कि हमें कई साल पहले संविदा में भर्ती कर लिया गया। हमें उतनी सैलरी भी नहीं मिलती। जिससे हमारा खर्च सही तरीके से चल सके। इसलिए हम वेतन कलेक्ट्रेट दर से और स्थाई करने की मांग कर रहे हैं।

कलेक्टर से बात करेंगे

जीवनदीप समिति सरकारी अस्पताल में स्टाफ भर्ती करने का काम करती है। इसी क्रम में कुछ साल पहले ही इन कर्मचारियों की भर्ती भी की गई थी। वहीं इस मामले में सीएमएचओ डॉ.बीवी बोडे का कहना है कि इसे लेकर वो कलेक्टर से बात करेंगे। इसके बाद इस मसले पर फैसला लिया जाएगा।

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