पीने के बाद विवाद हुआ तो हत्या कर जला दी थी लाश, अधजली लाश की हुई पहचान, दो गिरफ्तार

एक सप्ताह पहले पिकनिक मनाने गए दो नाबालिग ही अपने दोस्त के हत्यारे निकले। दरअसल, 11वीं कक्षा का छात्र एक सप्ताह से गायब था। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। तभी जंगल में अधजली लाश मिली। उसके पास पड़े चप्पल और ऊनी टोपी से मरने वाले की पहचान लापता छात्र के रुप में की गई। इसके बाद पुलिस ने उसके दो नाबालिग दोस्तों से पूछताछ कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। दोनों ने शराब के नशे में विवाद होने पर छात्र की हत्या कर दी थी। मामला कोटा और सकरी थाना क्षेत्र का है।
कोटा क्षेत्र के कोरी डेम के जंगल में वनकर्मी ने बुधवार दोपहर 12 बजे अधजली लाश देखी, तब इस घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। TI दिनेश चंद्रा और SDOP आशीष अरोरा ने घटनास्थल और आसपास जांच की, तब घटनास्थल पर ऊनी टोपी और चप्पल के साथ ही शराब की बोतल मिली। इस घटना के बाद पुलिस ने आसपास के थानों से गुम इंसानों की जानकारी मंगाई। साथ ही ऊनी टोपी और चप्पल को पुलिस के वाटसऐप ग्रुप में शेयर किया गया। तब सकरी थाना क्षेत्र के काठाकोनी से दो फरवरी से गायब 12वीं छात्र मयंक रात्रे उर्फ अप्पू (17 साल) के पिता अजय रात्रे ने टोपी को पहचान लिया। शव की पहचान होने के बाद पुलिस ने नाबालिग छात्र के दोस्तों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पकड़े गए नाबालिगों में एक छात्र 16 साल है और 11वीं कक्षा में पढ़ता है। दूसरा 17 साल का है और गांव में ही रहता है।
नाबालिग बोले-शराब पीने को लेकर हुआ था विवाद, इसलिए कर दी हत्या
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि मरने वाले छात्र के साथ गांव के ही दो नाबालिग कोटा क्षेत्र के औंरापानी पिकनिक स्पॉट घूमने गए थे। इस दौरान कोरी डेम में उन्होंने शराब पी। शराब के नशे में उनका विवाद हो गया। मारपीट में मयंक घायल हो गया। तब नाबालिगों ने उसके घायल होने पर रिपोर्ट दर्ज कराने और परिजन को बता देने के डर से पत्थर से हमला कर उसकी हत्या कर दी। फिर उन्होंने जंगल में पत्ते एकत्र कर शव को जला दिया। दोनों नाबालिगों ने उसके कपड़े भी जला दिए थे। लेकिन, विवाद के दौरान ऊनी टोपी और चप्पल इधर-उधर पड़ा रह गया, जिसे दोनों नाबालिग जलाना भूल गए। इसी आधार पर पुलिस और परिजन ने शव की पहचान कर दोनों नाबालिगों को गिरफ्तार कर लिया।
एक सप्ताह से गायब था नाबालिग, हाथ पर हाथ धरी बैठी रही पुलिस
मयंक के पिता अजय रात्रे फेब्रिकेशन मिस्त्री है। मयंक दो फरवरी को अपने दोस्तों के साथ घूमने गया था और घर नहीं लौटा, तब उन्होंने आसपास उसकी तलाश की। अपने परिचितों से भी जानकारी जुटाई। इस दौरान उसे साथ ले जाने वाले नाबालिग दोस्तों ने मयंक को घर के पास छोड़ने की जानकारी दी। परेशान होकर उन्होंने पुलिस को भी सूचना दी। लेकिन, पुलिस नाबालिग की तलाश करने के बजाए हाथ पर हाथ धरी बैठी रही। अब उसकी लाश मिलने के बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाई। साथ ही अंधे कत्ल की गुत्थी तत्काल सुलझाने का दावा कर झूठी वाहवाही भी लूट रही है।