चारामा घाट की नजर से पहली बार देखिए खूबसूरती:जहां 20 की गति में भी हर दूसरे दिन होते थे हादसे वहीं अब 80 की रफ्तार में भी हादसे का आंकड़ा हुआ शून्य
नेशनल हाईवे 30 पर स्थित चारामा मरकाटोला घाट की यह खूबसूरत तस्वीर कभी दर्दनाक हादसों के लिए जानी जाती थी। इस सड़क पर तीखा मोड़ होने के कारण घाट से गुजर रही गाड़ियों की रफ्तार महज 20 किमी प्रतिघंटा होती थी। इसके बावजूद यहां हर दूसरे दिन बड़े-बड़े हादसे होते थे। एक समय ऐसा आया कि रायपुर-जगदलपुर मार्ग पर केवल एक मोड़ वाला ये साधारण-सा लगने वाला घाट सबसे अधिक दुर्घटनाजन्य इलाके में शुमार हो गया था।
जिसके बाद यहां हो रहे हादसों पर अंकुश लगाने इसके तकनीकी कारणों की जानकारी जुटाई गई। नेशनल हाईवे विभाग के इंजीनियरों ने इस पर सर्वे किया। एनएचआई के एसडीओ संतोष नेताम बताया कि रिपोर्ट में ये बात सामने आई कि चारामा मरकाटोला घाट के मोड़ पर 135 डिग्री रेडियस का एक्यूट टर्न है। टर्न के साथ ही यहां चढ़ाव भी है जिससे वाहन की स्पीड 20 किमी प्रतिघंटा रफ्तार हो जाती है। और मोड़ व चढ़ाव के कारण यहां बार बार हादसे हो रहे हैं। इस समस्या को दूर करने एक्यूट टर्न को सीधा करने की जरूरत थी। मगर इसके लिए वहां पर्याप्त जगह नहीं थी। इसके चलते नए रास्ते की तलाश की गई और पहाड़ी को ही चीर कर सड़क बनाने का फैसला लिया गया। लेकिन इसके लिए अलग से बजट नहीं था। धमतरी से नाथियानवागांव तक 135 करोड़ की लागत से हो रहे सड़क चौड़ीकरण में ही इस प्रोजेक्ट को शामिल किया गया। जिसके बाद घाट के पुरानी सड़क से सटे पहाड़ को बीच से काट कर रास्ता बनाया गया। जिसे 300 डिग्री रेडियस वाले “एस’ टर्न का रूप दिया गया। साल 2015 में यह सड़क बन कर तैयार हुई और आवाजाही शुरू हो गई। अब यहां वाहन 80 की रफ्तार से गुजरते हैं। नेशनल हाईवे विभाग के अनुसार अब यहां हादसे आंकड़ा शून्य पर आ गया है।
पुरानी सड़क अब केवल वैकल्पिक मार्ग
नई सड़क के लिए पहाड़ को काटने के बाद उसमें एक सबसे बड़ी समस्या बारिश के दौरान उसके पत्थरों गिर कर सड़क पर आना है। जिसके लिए सड़क वाले हिस्से की ओर पहाड़ को लोहे की जाली से कवर किया गया। लेकिन यह भी कारगर साबित नहीं हुआ। इसके चलते पुराने मार्ग को यथावत रखा गया है। जब कभी इस स्थिति से नए सड़क में मार्ग जाम होता है तो पुराने सड़क से यातायात संचालित किया जाता है।
भविष्य में हटेगा सड़कों के बीच का पहाड़
इस सड़क पर एक चौंकाने वाली बात ये भी सामने आ रही है कि जरूरत पड़ी तो पुरानी व नई सड़क के बीच स्थित पहाड़ को ही वहां से हटा दिया जाएगा। भविष्य में यहां सड़क चौड़ीकरण के साथ-साथ फोर लेन सड़क बनाई जाएगी। इसके लिए नेशनल हाईवे विभाग पहले ही उक्त पहाड़ को विधिवत अधिग्रहण कर चुका है। नई सड़क बनाने के लिए भविष्य में ये सड़क हटा दी जाएगी।