मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का तीसरा चरण 10 जनवरी से होगा शुरू
ज़िले के 364 आंगनबाड़ी जहां कुपोषण का दर 13 प्रतिशत से अधिक, वहां चलाया जाएगा अभियान
अतिरिक्त आहार के रूप में दिया जाएगा अंडा अथवा सोयाबीन की बड़ी
कलेक्टर पी.एस. एल्मा ने महिला एवं बाल विकास विभाग की बैठक ले पूरी गंभीरता से अभियान चलाने पर दिया जोर
ज़िले में आगामी 10 जनवरी से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का तीसरा चरण शुरू होगा। इस चरण में ज़िले के विभिन्न ब्लॉक के ऐसे 364 आंगनबाड़ी केंद्र, जहां छः माह से छः साल तक की आयु के बच्चों में कुपोषण का दर 13 प्रतिशत से अधिक है, उन केंद्रों को चयनित किया गया है। यहां आंगनबाड़ियों में तीन से छह साल की आयु के बच्चों, 1659 गर्भवती महिलाओं को दिए जा रहे गरम पका पौष्टिक भोजन में अब अंडा या सोयाबीन की बड़ी दी जाएगी। इसके अलावा छः माह से तीन साल के 1577 कुपोषित बच्चे और 1224 शिशुवती माताओं को भी गरम पका पौष्टिक भोजन दिया जाएगा और साथ में उबला अंडा अथवा सोयाबीन की बड़ी दी जाएगी। गौरतलब है कि इन 364 आंगनबाड़ियो में मध्यम और गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या कुल 2725 है। इनमें नगरी में 1295, कुरूद में 604, मगरलोड में 552, धमतरी ग्रामीण में 209 और धमतरी शहरी में 65 शामिल हैं।
कलेक्टर एल्मा ने आज महिला एवं बाल विकास विभाग की बैठक लेकर पर्यवेक्षकों को इन चिन्हांकित आंगनबाड़ी केंद्रों सहित सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में सतत मॉनिटरिंग करने और गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र भेजना सुनिश्चित करने कहा। ज़िले में कुल चार पोषण पुनर्वास केंद्रों और एक लइका जतन ठऊर में कुल 45 बिस्तर हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र भेजने 15 दिन पहले से प्रतीक्षा सूची तैयार कर लें। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को भी सभी पोषण पुनर्वास केन्द्र में शत प्रतिशत बेड ऑक्युपेंसी सुनिश्चित करने कहा। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास एम.डी.नायक ने बताया कि वजन त्यौहार जुलाई 2021 के अनुसार ज़िले में 13.31 प्रतिशत बच्चे कुपोषित पाए गए और 15 से 49 साल की उम्र की 59.60 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं। इन्हीं बच्चों और महिलाओं को कुपोषण और एनीमिया से मुक्ति दिलाने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तीसरे चरण की शुरुवात की जा रही है।
कलेक्टर ने विभागीय अमले को बच्चों में कुपोषण दूर करने परस्पर अभिभावकों की काउंसलिंग करने पर जोर दिया है, ताकि बच्चे पौष्टिक भोजन खाएं और जीवनशैली में व्यवहार परिवर्तन कर उनको सुपोषित करने में सहयोग मिले। इस अवसर पर कलेक्टर ने पोषण ट्रैकर एप में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नियमित डेटा प्रविष्टि पर जोर दिया, ताकि आंगनबाड़ी केंद्रों की मूलभूत जानकारी, जैसे अधोसंरचना, स्टाफ रिपोर्ट, गरम पका भोजन, टेक होम राशन, बच्चों की ग्रोथ मॉनिटरिंग सहित हितग्राहियों की अद्यतन प्रविष्टि हो। बैठक के अन्त में कलेक्टर ने खाद्य, स्वास्थ्य, पंचायत और ग्रामीण विकास, आयुष, उद्यानिकी विभाग को महिला एवं बाल विकास विभाग से समन्वय स्थापित कर मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को सफल बनाने पर जोर दिया है, जिससे शासन की मंशा अनुरूप बच्चों को सुपोषित किया जा सके। यह बैठक कलेक्टोरेट सभाकक्ष में सुबह 11 बजे से शुरू हुआ। इस मौके पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत प्रियंका महोबिया, महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, आयुर्वेद, उद्यानिकी विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।