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कवर्धा : 50 लाख की गड़बड़ी: रिटायर होने के 10 दिन पहले प्राचार्य डॉ. चौहान सस्पेंड, क्लर्क पर होगी एफआईआर

आचार्य पंथ श्री गंधमुनि नाम साहब पीजी कॉलेज कवर्धा के प्रभारी प्राचार्य डॉ. बीएस चौहान सस्पेंड हो गए हैं। इसी महीने की 30 तारीख को उनका रिटायरमेंट था। रिटायरमेंट के महज 10 दिन पहले उन्हें सस्पेंशन लेटर थमा दिया गया है। यह कार्रवाई आयुक्त कार्यालय रायपुर की जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। प्रभारी प्राचार्य डॉ. चौहान पर कॉलेज के जनभागीदारी मद में 50 लाख रुपए गबन और बैंक खातों को मेंटेन नहीं कराने जैसे आरोप हैं।

इधर कॉलेज के सहायक ग्रेड-2 (क्लर्क) प्रमोद वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने कोतवाली थाने में शिकायत कर दी गई है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षा सत्र 2021-22 से अब तक 4 साल मैं जनभागीदारी समिति के बैंक खाते में कुल 84 लाख रुपए जमा होना चाहिए था। लेकिन 54 लाख रुपए ही जमा हुए। शेष 29 लाख रुपए की गड़बड़ी हुई है। 11 नवंबर 2024 की स्थिति में सिर्फ 90 हजार रुपए ही खाते में बचे हैं। ये वो पैसे हैं, जो कॉलेज में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स से जनभागीदारी शुल्क के नाम पर लिए जाते हैं।

18 नवंबर को जांच के लिए आई थी टीमः कॉलेज में धांधली की शिकायत 10 नवंबर को रायपुर कमिश्नर से की गई थी। मामला गंभीर होने पर आयुक्त कार्यालय रायपुर से 18 नवंबर को जांच कमेटी आई थी। बैंक खाते से लेन-देन का ब्योरा और कैशबुक का मिलान करने पर लाखों रुपए की गड़बड़ी का पता चला है। जांच कमेटी की रिपोर्ट पर दूसरे ही दिन 19 नवंबर को प्रभारी प्राचार्य डॉ. चौहान को सस्पेंड करने कार्रवाई की गई है।

सितंबर-अक्टूबर का वेतन देने चेक कटा या पर नहीं दिया : सितंबर-अक्टूबर का मेन देने येक कटा था लेकिन नहीं दिया। इसके पी जी कॉलेज में भरी से 10 अतिथि प्राध्यापक और 10 सफाई कर्मी नियुक्त गए हैं। इन्हें सितंबर-अक्टूबर का वेदन देने प्रभारी प्राचार्य ने हरुमात्युका चेक काटकर क्लर्क प्रमोद वर्मा को दिया | लेकिन क्लर्क ने वेतन के पैसे अतिथि प्राध्यापकों के खाते में ट्रांसफर ही नहीं किया। दिवाली के बाद जब वेतन नहीं मिलने की शिकायत हुई, तब क्लर्क को ढूंढा गया। लेकिन वह कॉलेज ही नहीं आ रहा था। पता चला कि वह घर से भी लापता है और थाने में उसके गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई है।

4 वर्ष से ऑडिट नहीं, पूर्वजनभागीदारी अध्यक्ष पर उठे सवाल

कॉलेज में हर साल 4 हजार स्टूडेंट्स एडमिशन लेते हैं।

हैं। दाखिले के वक्त स्टूडेंट्स से 300-300 रुपए जनभागीदारी शुल्क वसूले जाते हैं। यह राशि छात्रों के हित में खर्च किए जाते हैं। खास बात ये है कि पिछले 4 साल में जनभागीदारी मद के खाते का ऑडिट नहीं कराया गया है। जबकि खाता मेंटन करने के लिए क्लर्क प्रमोद वर्मा को वेतन के अलावा अलग से 2 हजार रुपए दिए जाते हैं। ऑडिट नहीं होने को लेकर प्रभारी प्राचार्य डॉ. चौहान और पूर्व जनभागीदारी अध्यक्ष मोहित महेश्वरी पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। अंतिम बार वर्ष 2019 में खातों का ऑडिट हुआ था। खाते और कैश बुक का ऑडिट कराने की जिम्मेदारी प्राचार्य और तत्कालीन जनभागीदारी अध्यक्ष की थी।

क्लर्क प्रमोद वर्मा ने इस तरह धांधली को दिया अंजाम : जांच में जनभागीदारी मद में लाखों रुपए की गड़बड़ी पाई गई है। जनभागीदारी शुल्क का पैसा क्लर्क प्रमोद वर्मा अपने पास इकट्ठा रखता था। जुलाई से 15 अगस्त तक एडमिशन प्रक्रिया पूरी हो जाती है। ऐसे में शुल्क की राशि इकट्ठा जनभागीदारी के खाते में 5 सितंबर तक जमा हो जाना चाहिए। लेकिन ऐसा न कर क्लर्क उन पैसों को अपने पास रखता था। फिर कभी 1 लाख तो कभी 90 हजार रुपए कर किस्त में राशि खाते में डालती थी, लेकिन प्राचार्य या पूर्व जनभागीदारी अध्यक्ष ने कभी भी खातों के मेंटेन करने की जांच नहीं कराई। नतीजा ये हुआ कि बैंक खाते में गड़बड़ी बढ़ती चली गई और अब जाकर इसका खुलासा हुआ है। क्लर्क, उनकी भी होगी जांच पीजी कॉलेज के जनभागीदारी मद में 50 लाख रुपए की गड़बड़ी हुई प्रथम दृष्टया गड़बड़ी को लेकर है। सहायक ग्रेड-2 प्रमोद वर्मा दोषी पाए गए हैं। उनके खिलाफ एफआईआर के लिए थाने में शिकायत की गई है। उक्त क्लर्क जनभागीदारी के अलावा पर्सनल डिपॉजिट (पीडी), सम्मिलित निधि (एएफ), रेडक्रॉस और गवर्नमेंट अलाटमेंट के बैंक खाते भी संभालता था। इन खातों की भी जांच की जाएगी। क्योंकि इन मदों में कुछ चेक बाउंस होने के प्रकरण सामने आए हैं।

कोतवाली थाना कवर्धा के प्रभारी लालजी सिन्हा का कहना है कि जनभागीदारी अध्यक्ष रिकेश वैष्णव ने कॉलेज में हुई वित्तीय गड़बड़ी को लेकर एफआईआर करने आवेदन दिया है। उच्च अधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया है। मामले की प्रशासनिक जांच चल रही है। उसके सहायक ग्रेड-2 प्रमोद वर्मा दोषी पाए गए हैं। उनके खिलाफ एफआईआर के लिए थाने में शिकायत की गई है। उक्त क्लर्क जनभागीदारी के अलावा पर्सनल डिपॉजिट (पीडी), सम्मिलित निधि (एएफ), रेडक्रॉस और गवर्नमेंट अलाटमेंट के बैंक खाते भी संभालता था। इन खातों की भी जांच की जाएगी। क्योंकि इन मदों में कुछ चेक बाउंस होने के प्रकरण सामने आए हैं।

एफआईआर करने के लिए आवेदन मिला है: टीआई

कोतवाली थाना कवर्धा के प्रभारी लालजी सिन्हा का कहना है कि जनभागीदारी अध्यक्ष स्किंश वैष्णव ने कॉलेज में हुई वित्तीय गड़बड़ी को लेकर एफआईआर करने आवेदन दिया है। उच्च अधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया है। मामले की प्रशासनिक जांच चल रही है। उसके बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी।

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