कवर्धा: सरिता हत्याकांड की जांच जारी:शक की सुई पति पर अटकी; अलमारी के लॉकर में रखा था देसी कट्टा, पति-पत्नी के पास थी चाबी

कुकदूर थाना क्षेत्र के ग्राम सनकपाट में सरिता हत्याकांड मामले में जांच धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। जांच में पुलिस के लिए देसी कट्टा अहम सुराग साबित हो सकता है। क्योंकि इस देसी कट्टे के बारे में सिर्फ मृतका सरिता और उसके पति विजय काठले को जानकारी थी। देसी कट्टे को बेडरूम में अलमारी के लॉकर में छिपाकर रखे थे। इसकी चाबी मृतका सरिता रखती थी या फिर पति विजय।ऐसे में पुलिस के शक की सुई मृतका के पति विजय काठले पर आकर अटक गई है। पुलिस विजय के उस बयान पर भी यकीन नहीं कर पा रही है कि उसे भोरमदेव मेले में पॉलीथिन पैक देसी कट्टा यूं ही पड़ा मिला था, जिसे वह उठाकर घर ले आया था। यही वजह है कि परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल लोकेशन खंगाले जा रहे हैं। ताकि वारदात के समय वे सभी कहां थे, यह पता कर सकें। इधर, होने वाली बहू के लिए महंगे जेवर खरीदने को लेकर भी मृतका सरिता और उसके ससुर के बीच कहासुनी चल रही थी। पुलिस इसे भी रूल आउट (खारिज) नहीं कर रही है। फिंगरप्रिंट जांच के लिए देसी कट्टे को रायपुर भेजने की तैयारी है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट: गोली पेट में नहीं, पीठ पर मारी गई
जिला अस्पताल कवर्धा के मरच्यूरी में रविवार को सरिता के शव का पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद पता चला है कि गोली सरिता के पीट में नहीं, बल्कि उसकी पीठ पर मारी गई है। गोली लगने से पीठ पर छेद हो गया था और अंतड़ियां पेट से बाहर निकली हुई थी। जांच के लिए पुलिस ने बेडरूम को सील कर दिया है। ताकि साक्ष्यों से छेड़छाड़ न हो सके।
कई सवाल अनसुलझे, क्राइम सीन रीक्रिएट करेगी पुलिस
घर के जिस बेडरूम में सरिता की लाश खून से लथपथ पड़ी मिली थी, उसे पुलिस ने सील कर दिया है। दरअसल, पुलिस इस हत्याकांड का सीन रीक्रिएट करेगी। एसडीओपी नरेन्द्र वेंताल बताते हैं कि प्रथम दृष्टया जांच में गोली पीछे से मारना प्रतीत हो रहा है। यदि ऐसा है कि सरिता का शव पेट के बल पड़ा होना चाहिए, लेकिन पीठ के बल पड़ी थी। वहीं गोली लगने के बाद सरिता फर्श पर नहीं गिरी। बिस्तर पर गिरते वक्त जो मच्छरदानी लगी थी, वह भी अस्त- व्यस्त नहीं हुआ, जो कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं। क्राइम सीन रीक्रिएट करने पर इन सवालों के जवाब मिलेंगे।
पड़ोसियों ने सुनी थी गोली चलने की आवाज
पुलिस ने मृतका सरिका के पड़ोसियों से भी पूछताछ की है। कुछेक पड़ोसी, जिसके घर बिल्कुल सटे हुए हैं, उनसे पूछताछ में पता चला है कि उन्होंने से गोली चलने की आवाज सुनी थी। लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। यह सोचकर कि आवाजा पटाखा फूटने जैसी थी। वहीं मृतका के सास- ससुर, जो घर से लगभग 50 मीटर दूर बाड़ी में काम कर रहे थे, उन्होंने गाेली चलने की आवाज सुनने से इंकार किया है।