मुसलमान सोचते हैं हिंदुओं का बंटाधार हो, हम कहते हैं विश्व का कल्याण हो, सबके पूर्वज आर्य हिंदू

गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि कोई हिंदू खतरे में नहीं है। जो हिंदूओं के लिए खतरा हैं उनपर बहुत खतरा है। ये सुनकर उनके सामने बैठे अनुयाई तालियां बजाने लगे। आगे शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि हो हिंदुत्व या हिंदुओं से चिढ़ते हैं, हिंदूओं को जो काफिर कहते हैं.. मानो वो अपने पूर्वजों को ही काफिर कहते हैं,क्योंकि सबके पूर्वज सनातनी वैदिक आर्य हिंदू थे।
ये बातें शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने रायपुर में कहीं। सिलतरा इलाके में बने सुरदर्शन शंकराचार्य आश्रम में हिंदूराष्ट्र संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। यहां 18 से 21 फरवरी तक हिंदूराष्ट्र पर बात-चीत होगी। आम लोग यहां आकर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से सीधे तौर पर सनातन वैदिक धर्म को लेकर सवाल पूछ सकते हैं, दीक्षा ले सकते हैं।
हिंदू राष्ट्र में मुसलमान रहेंगे या नहीं ?
इस सवाल को शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने सुना तभी जिस पंडाल में तेज हवा चलने लगी, शंकराचार्य नारायण-नारायण कहने लगे। इसी दौरान उन्होंने कहा देखो नाम लेते ही क्या हो गया ये खंभे (पंडाल में बीच में लगे लोहे के पोल) जाने वाले थे मगर रुक गए, वैसे ही वो (अन्य धर्म के लोग) रुक जाएंगे। सामने बैठे लोग मुस्कुराए, रिपोर्टर से जवाब और स्पष्ट देने पर जोर दिया।
इसके जवाब में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने आगे कहा कि मानवों की शील की रक्षा करने मंे कोई भी अपने धर्म, पंथ या कौम सहयोग करे तो उसका स्वागत है। किसी के अस्तित्व पर पानी फेरने का प्रयास न करें इस तरह से बहादुरी का परिचय न दें.. वो बहादुरी नहीं है। जिस किसी कौम, पंथ का योगदान है एक सुसंस्कृत, सुशिक्षित, सुरक्षित समाज की संरचना में उसका स्वागत है।
मुसलमान तो बंटाधार की सोचते हैं !
एक सभा को याद करते हुए स्वामी निश्चलानंद ने कहा- मैं कानपूर में बोल रहा था..मुझे पता नहीं था कि वहां कुछ मुसलमान भी बैठे थे। हम तो विश्व का कल्याण हो कहते हैं, वो ये सुनकर आश्यचर्य चकित हो गए कि वो (मुस्लिम) तो कभी ऐसा सोचते ही नहीं… उन्होंने कहा वो तो सोचते हैं हिंदुओं का बंटाधार हो। तो जब हम कहते हैं विश्व का कल्याण हो तो विश्व मंे कौन है इंसान, चीटी, जंगल, नदियां प्राणी सबके अस्तिस्तव की रक्षा हो, इसका ही प्रयास भी है।
हिजाब विवाद पर कहा सुप्रीम कोर्ट मेरी बात नहीं काटाता
देश में जारी हिजाब विवाद पर स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि वहां के नेता मेरे पास आएंगे, धर्माचार्य आएंगे तो बात करूंगा, दक्षिण के शंकराचार्य भी हैं। उनसे सारी स्थिति समझे बिना मैं बोलूं, कहीं कोई बवंडर न हो जाए। इसलिए मैं उनसे बात करके उपाय बताउंगा, सुप्रीम कोर्ट आज भी मेरा निर्णय नहीं काटता।
कौन हैं निश्चलानंद सरस्वती
ऋगवैदिय पूर्वाम्नाय गोवर्धनमठ पुरी पीठ के वर्तमान 145 वें प्रमुख शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती हैं। कहा जाता है कि वो भारत के एक ऐसे सन्त हैं जिनसे संयुक्त राष्टसंघ ने अगस्त 2000 को न्यूयार्क में आयोजित विश्वशांति शिखर सम्मेलन और विश्व बैंक ने वर्ल्ड फेथ्स डेवलपमेन्ट डाइलॉग- 2000 के वाशिंगटन सम्मेलन के अवसर पर उनसे लिखित मार्गदर्शन लिया था। दावा किया जाता है कि वैज्ञानिकों ने कम्प्यूटर और मोबाईल फोन से लेकर अंतरिक्ष तक के क्षेत्र में जो आधुनिक आविष्कार किए उसमें इन्हीं की वैदिक गणित पर लिखी किताब के सिद्धांतों का उपयोग हुआ है। 10वीं क्लास तक स्वामी निश्चलानंद साइंस के स्टूडेंट थे। कालेज के वक्त सन्यास लिया इनके गुरु करपात्री जी थे।