कबीरधाम विशेषछत्तीसगढ़ स्पेशल
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत ऑनलाइन जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन
कवर्धा। मुख के कैंसर एवं अन्य बीमारियों को देखते हुए भारत सरकार ने तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान निर्माण के दिशा- निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत जिले के शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने महाविद्यालयों के प्राचार्यों एवं शिक्षकों के लिए उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें ऑनलाइन माध्यम से शिक्षकों को तंबाकू उत्पादों के उपयोग और खरीद-बिक्री संबंधी कानून की जानकारी दी गई। वहीं विशेषज्ञों ने तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी। कबीरधाम जिले को धूम्रपान मुक्त किए जाने का प्रयास जारी है।
इसी कड़ी में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत ऑनलाइन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस मौके पर राज्य नोडल अधिकारी, तंबाकू नियंत्रण डॉ. कमलेश जैन ने कार्यक्रम से जुड़े समस्त प्राचार्यों एवं शिक्षको को तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान की आवश्यकता क्यों है, इस बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया राज्य में 13 से 15 वर्ष के बच्चों में तंबाकू उपयोग का प्रतिशत 8 है और सर्वेक्षण के अनुसार 15 से 22 वर्ष में 90 प्रतिशत लोग तंबाकू उत्पादों का उपयोग करना प्रारंभ करते हैं जिसके कारण उसे छोड़ पाना मुश्किल होता है। पर यही कारण है कि तंबाकू छोड़ने की जो दर है वह 5 प्रतिशत से भी कम है। इसलिए सभी को सहभागी बनकर तंबाकू उत्पादों की खरीद-बिक्री और तंबाकू उत्पादों का उपयोग नहीं करने के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर जिले के नोडल अधिकारी डॉ अरुण चौरसिया ने ऑनलाइन माध्यम से राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की रणनीति एवं तंबाकू के बढ़ते प्रभाव के बारे में जानकारी दी । उन्होने बताया “ राज्य एवं जिले के लगभग 40 प्रतिशत आबादी तंबाकू का उपयोग करती है साथ ही साथ सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 72 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं, जहां पर किसी न किसी रूप में तंबाकू का इस्तेमाल करने वाला एक सदस्य मौजूद है। साथ ही यह भी बताया जिस प्रकार पिछले 2 वर्षों से कोरोना महामारी के कारण लाखों लोगों की मृत्यु हुई है, इसी तरह हर वर्ष तंबाकू के कारण भी लोगों की मृत्यु होती है। परंतु इस पर किसी का ध्यान नहीं जाता है।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सृष्टि शर्मा ने जिला प्रशासन द्वारा जिले के 3 महाविद्यालयों को तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान के रूप में प्रशस्ति-पत्र जारी किए जाने की जानकारी दी। कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों से समस्त महाविद्यालयों को तंबाकू मुक्त बनाने एवं जिले के युवाओं को तंबाकू के नशे से दूर रखने में सहयोग प्रदान करने की अपील की ।
तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान के मापदंडों की दी गई जानकारी- कार्यक्रम में राज्य में तकनीकी सहयोग प्रदान कर रही संस्था द यूनियन की राज्य प्रतिनिधि डॉ दीक्षा पुरी ने तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान के मापदंडों की जानकारी देते हुए बताया कि समस्त शैक्षणिक संस्थानों को भारत सरकार द्वारा तय किए गए 11 मापदंडों को पूर्ण किया जाना अनिवार्य है । तभी उन संस्थानों को जिला प्रशासन के द्वारा तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान के रूप में घोषित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया इन मापदंडों में मुख्य रूप से अधिनियम की धारा 4 व धारा 6 का अनुपालन किया जाना अनिवार्य है। साथ ही उनसे संबंधित बोर्ड लगाना व नोडल का नाम अंकित करना होगा। साथ ही शैक्षणिक संस्थान के 100 गज के दायरे में किसी भी प्रकार के तंबाकू पदार्थ की बिक्री प्रतिबंधित होगी जिसके लिए चालानी कार्यवाही करने हेतु प्राचार्य या नोडल शिक्षक अधिकृत होंगे एवं स्वास्थ्य विभाग से चालान पुस्तिका प्राप्त कर चालान की कार्यवाही की जा सकती है। संस्थान जो इन नियमों का पालन कर लेते हैं तो उन्हें तंबाकू मुक्त संस्थान के लिए स्वास्थ्य विभाग को आवेदन करना होता है, तब जांच उपरांत उन्हें प्रशस्ति-पत्र जारी किया जाता है।