तहसीलदार-अधिवक्ता विवाद में बार काउंसिल ऑफ इंडिया की एंट्री DGP को लिखा पत्र,कहा- घटना के पीछे राजस्व विभाग के भ्रष्ट कर्मचारी, निर्दोष वकीलों को रिहा करें
तहसीलदारों और अधिवक्ताओं के बीच छिड़े विवाद में अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) की भी एंट्री हो गई है। BCI ने इस संबंध में DGP को पत्र लिखकर कहा है कि इस राजस्व विभाग के कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों के चलते ऐसी स्थिति बनी है। बेगुनाह वकीलों को रिहा कर केस वापस लिया जाए। वहीं मामले में सबसे पहले गिरफ्तार किए गए वकील भुवनलाल साव की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। अधिवक्ताओं की ओर से उन्हें ही बेगुनाह बताया जा रहा है।
यह पत्र BCI अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा की ओर से भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि राजस्व अधिकारियों के भ्रष्टाचार का विरोध करने पर वकीलों के खिलाफ झूठे प्रकरण दर्ज करा दिए गए। राजस्व अधिकारियों का भ्रष्टाचार बेहद गंभीर मामला है। घटना के बाद निर्दोष वकीलों की गिरफ्तारी की गई है। उनकी गिरफ्तारी से प्रदेश भर के अधिवक्ता परेशान हैं। मिश्रा ने मांग की है कि मामले में बेगुनाह वकीलों को तत्काल रिहा किया जाए और साथ ही उनके खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाएं।
स्टेट बार काउंसिल ने कहा- काली पट्टी लगा काम करें वकील
रायगढ़ में कुछ दिनों पहले वकीलों और तहसील के कर्मचारियों के बीच विवाद हो गया था। आरोप है कि कुछ वकीलों ने तहसील के कर्मचारियों के साथ मारपीट की। बीच बचाव करने पहुंचे तहसीलदार के साथ भी मारपीट की गई। तहसील के कर्मचारियों की शिकायत पर FIR दर्ज हुई और 4 वकील गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं। इसे बाद स्टेट बार काउंसिल के निर्देश पर मंगलवार को वकीलों ने काली पट्टी लगाकर काम किया। साथ ही विरोध प्रदर्शन भी किया गया।
गिरफ्तार वकील की जमानत खारिज, बाकी के लिए आज याचिका
वहीं दूसरी ओर रायगढ़ जिला एंव सत्र न्यायालय में सबसे पहले गिरफ्तार किए गए वकील भुवनलाल साव की जमानत याचिका लगाई गई थी। सीनियर वकील विजय सराफ ने बताया कि जज ने साव की याचिका खारिज कर दी है। वहीं सीनियर वकीलों की जमानत याचिका को बुधवार को लगाई जाएगी। इसके बाद सुनवाई होगी। वकील भुवनलाल साव वही हैं, जिन्हें अधिवक्ता शुरू से निर्दोष बताते आ रहे हैं। वकीलों की ओर से कहा गया है कि वह सिर्फ घटना स्थल पर खड़े थे। इस विवाद में उनका कोई हाथ नहीं है।
17 फरवरी को होने वाला अधिवक्ता संघ का चुनाव स्थगित
दूसरी ओर अधिवक्ताओं और अधिकारी-कर्मचारी संघ के बीच उठे विवाद के बीच अधिवक्ता संघ ने फिलहाल संगठन का चुनाव स्थगित कर दिया है। रायगढ़ अधिवक्ता संघ ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि 17 फरवरी 2022 को जिला अधिवक्ता संघ रायगढ़ का होने वाला चुनाव स्थगित कर दिया गया है। सहायक निर्वाचन अधिकारी अधिवक्ता मनोज कुमार तिवारी के हवाले से यह जानकारी दी गई है। उन्होंने बताया कि अभी अधिवक्तागण और राजस्व विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों के मध्य उत्पन्न गतिरोध के मद्देनजर चल रहे आंदोलन को ध्यान में रखते यह निर्णय लिया गया है।
तहसील कार्यालय में तहसीलदार को पीटने का है आरोप
रायगढ़ जिले की तहसील में शुक्रवार को जमीन के नामांतरण कराने को लेकर वकीलों और कर्मचारियों में विवाद हुआ था। वकीलों ने दो कर्मचारियों को पीट दिया। वकीलों ने पहले तो तहसीलदार पर धक्कामुक्की करने का आरोप लगाया। नायब तहसीलदार बीच बचाव करने आए थे, जिन्हें पीटा गया। घटना के बाद वकील हड़ताल पर चले गए। पुलिस ने नायब तहसीलदार को पीटने के आरोप में तीन वकीलों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।