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सरकारें बदली लेकिन 21 वर्षों में पूरा नहीं हो सका बरनारा डायवर्सन का निर्माण कार्य

सरकार बदलते ही महत्वाकांक्षी योजना कैसे औपचारिक हो जाती है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण ब्लॉक के घोटिया फीडर में व्यपवर्तन योजना के अंतर्गत पोषक नहर (बरनारा डायवर्सन) का निर्माण 21 वर्षाें से आज तक पूरा ही नहीं हो सका है। जल संसाधन विभाग के माध्यम से कराए जा रहे कार्य में पहले तो स्वीकृति में देरी हुई और जब स्वीकृति हो गई तो निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। देरी की भी अपनी एक अलग वजह है। निर्माण की 18 माह की मियाद खत्म होने के बाद विभाग ने ठेकेदार को दोबारा 6 माह का और समय दिया। दोबारा बढ़ाई गई समय-सीमा भी अगले माह खत्म हो जाएगी। लेकिन निर्माण कार्य में अब तक तेजी नहीं है।

ढ़ारा से पांच किलोमीटर दूर स्थित डंगबोरा जलाशय में सिंचाई के लिए पर्याप्त जल संग्रहण नहीं होने से साल 2002 में आमनेर नदी में बरनारा डायवर्सन व्यपवर्तन योजना के तहत पोषक नहर निर्माण कार्य की स्वीकृति तात्कालीन जोगी सरकार में मिली थी। योजना में शुरुआत से ही देरी हो रही है। जोगी सरकार में स्वीकृति के बाद रमन सरकार में यह काम 15 साल में दोबारा शुरू ही नहीं हो पाया। सरकार बदलने की पीड़ा किसान आज तक झेल रहे हैं।

अफसर बोले- चट्टानों को तोड़ने में समय लग रहा
बरनारा डायवर्सन बनाकर डंगबोरा जलाशय की सिंचाई क्षमता को बढ़ाने का उद्देश्य रखा गया है। योजना में नहर लाइनिंग के लिए पत्थर के बड़े-बड़े चट्टानों को तोड़ना है। भूपेश सरकार में यह कार्य दोबारा शुरू हुआ। लेकिन कुछ महीने चलने के बाद यह काम भी बंद हो गया। विभागीय अफसरों का कहना है कि पत्थर के चट्टानों को तोड़ने में काफी समय लग रहा है और जंगल होने से कार्य विलंब से चल रहा है।

30 गांवों के एक हजार एकड़ खेत होती सिंचित
भाजपा ग्रामीण मंडल के अध्यक्ष जैनकुमार मेश्राम ने कहा कि डायवर्सन निर्माण अधूरा होने से ढ़ारा के अलावा सलोनी, खैरबना, छपारा, ठाकुरटोला, पलांदुर, दोड़की, छीपा, कातलवाही, कोलिहापुरी, मुसरा, भानपुरी समेत करीब 30 गांवों के खेत सिंचित नहीं हो रहा है। करीब एक हजार एकड़ में पर्याप्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध होती, किसान साल में 2 बार फसल ले सकते। योजना के पूरे होने में ही समय लग रहा है।

बार-बार टेंडर निरस्त होने से भी पड़ा प्रतिकूल असर
साल 2017 में पूर्ववर्ती सरकार ने इस कार्य के लिए करीब पौने तीन करोड़ रुपए की स्वीकृति दी। किंतु बार-बार टेंडर निरस्त होने की वजह से समय पर काम शुरू नहीं हो सका। कांग्रेस सरकार में टेंडर होने के बाद योजना का श्रेय कांग्रेस नेताओं ने लेना शुरू कर दिया। 70 फीसदी काम के बाद निर्माण आज तक अधूरा ही पड़ा है। विभागीय स्तर भी ठेकेदार को अब तक न तो नोटिस दी गई है और न ही मॉनिटरिंग की जा रही।

दोनों सरकारों ने इसे लेकर बयानबाजी ही की: विष्णु
जनता कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विष्णु लोधी ने कहा कि सिंचाई सुविधा से किसान आज तक सिर्फ योजना के पूर्ण नहीं होने से वंचित है। जनता जानना चाहती है कि राज्य में 15 साल बीजेपी की सरकार रही व तीन साल से कांग्रेस राज कर रही है। लेकिन इतने वर्षों में दोनों ही सरकार की किसानों की उपेक्षा ही की। राजनीतिक श्रेय लेने की होड़ में दोनों ही पार्टी ने किसानों का नुकसान किया। दोनों दलों ने योजना के नाम पर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के ही बाण चलाए। पत्र लिखने के बाद भी यदि काम शुरू नहीं होता है तो आंदोलन की रणनीति तय की जा रही है।

ठेकेदार को दोबारा समय दिया गया है: एसडीओ
जल संसाधन विभाग के एसडीओ पीके नादिया ने बताया कि बरनारा डायवर्सन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। ठेकेदार को दोबारा समय दिया गया है। कार्य अंतिम चरण पर है, लेकिन एरिया जटिल होने की वजह से काम धीमी गति से चल रहा है।

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