अवैध डंपिंग यार्ड बने खाली प्लाट; CM की सख्ती पर दिखावे की कार्रवाई,कीमत पर भी नियंत्रण नहीं
मुख्यमंत्री भूपेश की सख्ती का बिलासपुर जिला प्रशासन और खनिज विभाग पर कोई असर नहीं दिख रहा है। यही वजह है कि माफिया अवैध उत्खनन के साथ ही अब रेत का खुलेआम अवैध भंडारण करने लगे हैं। कार्रवाई की आड़ में रेत की कीमतें दो से तीन गुना बढ़ा दी गई है। इधर, जिला प्रशासन और खनिज अमला रेत घाट और डंपिंग प्लॉट में जाकर महज दिखावे की कार्रवाई कर रहे हैं।रेत के अवैध उत्खनन पर CM की सख्ती से प्रतिबंध लगाने के बाद शहर के अलग-अलग इलाकों का जायजा लिया। साथ ही इस दौरान अरपा नदी के आसपास के गांव में रेत के अवैध उत्खनन की भी जानकारी ली। वैसे तो प्रदेश सरकार के कलेक्टर को सख्त निर्देश देने के बाद दिन में रेत घाटों में सन्नाटा नजर आया। लेकिन, रात में चोरी-छिपे रेत का अवैध उत्खनन अब भी बेधड़क जारी है। रेत के भंडारण और कालाबाजारी को लेकर कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर के साथ ही खनिज विभाग के उप संचालक डॉ. दिनेश मिश्रा से संपर्क करने की कोशिश की और उनका पक्ष जानने का प्रयास भी किया। लेकिन, उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया|
जगह-जगह बने रेत डंपिंग यार्ड
शहर के दयालबंद, मधुबन, राजकिशोर नगर, तोरवा, सरकंडा, कुदुदंड, सकरी, दोमुहानी सहित आसपास के इलाकों में सार्वजनिक जगहों के साथ ही निजी प्लॉट में बड़ी मात्रा में रेत डंप कर रखा गया है। यहां शाम होते ही डंप रेत को बेचने और इधर-उधर खपाने का खेल चल रहा है। बताया जा रहा है कि इन जगहों से दिन में भी रेत बेचने का खेल चल रहा है। इन जगहों से ट्रैक्टर में रेत भर भरकर कालाबाजारी किया जा रहा है।
रेत की कमी हुई तो शुरू हुई कालाबाजारी
अब दिन में रेत घाटों से अवैध उत्खनन बंद हो गया है। इसके चलते रेत माफियाओं ने रेत का शार्टेज बताकर कीमतें बढ़ा दी है। स्थिति यह है कि 1200 से 1500 तक मिलने वाले एक ट्रैक्टर रेत की कीमत 3000 से 3500 तक पहुंच गया है। वहीं, प्रति हाइवा रेत 5000 हजार से बढ़कर 10,000 से 15,000 रुपए तक हो गया है।
दिखावे की कार्रवाई कर रहा खनिज अमला
खनिज अफसर बीते एक सप्ताह से अवैध उत्खनन व रेत का भंडारण करने वालों पर लगातार कार्रवाई करने का दावा कर रहे हैं। लेकिन, उनकी यह कार्रवाई महज दिखावे की है। राजकिशोर नगर स्थित मुक्तिधाम के पास 100 हाइवा रेत को जब्त किया गया था। लेकिन, बाद में उनके सामने ही ठेकेदार रेत उठाकर ले गए। यही हाल मधुबन सहित अन्य इलाकों में है, जहां बड़ी मात्रा में रेत डंप कर रखा गया है, जिसे जब्ती करने का दावा किया जा रहा है और उसे रेत माफिया बेच रहे हैं।
रेत का कीमत नहीं है तय, इसलिए कर रहे मनमानी, प्रशासन है बेसुध
जिला प्रशासन और खनिज विभाग के अफसर रेत माफियाओं पर सख्ती बरतने का दावा कर रहे हैं। लेकिन, अब रेत की आपूर्ति रोक दी गई है। रेत माफिया खनिज अफसरों की कार्रवाई और रेत की कमी की आड़ में कीमतें अचानक से बढ़ा दी गई है। ऐसे में कीमतों पर लगाम लगाने के लिए जिला प्रशासन और खनिज विभाग के अफसर रेट निर्धारण के लिए नियम कायदे तय नहीं होने की बात कह रहे हैं। फिर भी प्रशासन चाहे तो रेत ठेकेदारों की बैठक लेकर दूरी के हिसाब से रेत की कीमतों का निर्धारण कर सकते हैं।