महासमुन्द जिला

कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा की

कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट के महानदी सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सरायपाली नम्रता जैन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। इसी तरह विकासखंड बसना, पिथौरा, बागबाहरा एवं सरायपाली से एसडीएम, तहसीलदार एवं अन्य क्षेत्रीय अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने निर्देश दिये कि सभी राजस्व अधिकारी राजस्व प्रकरणों का निपटारा समय-सीमा के भीतर अनिवार्य रूप से निर्धारित समय-सीमा में निराकृत करें। उन्होंने राजस्व अधिकारियों से राजस्व के अविवादित, विवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, आरबीसी 6-4, राजस्व अभिलेखों में आधार सीडिंग, मोबाईल नम्बर और जेंडर की प्रविष्टि, 7500 वर्ग फीट तक शासकीय भूमि का आबंटन, नियमितीकरण, नए आबादी पट्टों का वितरण, वनाधिकार पत्रों, नारंगी वनखण्ड भूमि का सर्वेक्षण, लोक सेवा गारंटी, ई-कोर्ट में दर्ज निराकृत लंबित प्रकरणों की विस्तारपूर्वक समीक्षा की। बैठक में समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि राजस्व संबंधी प्रकरणों को तय सीमा पर पूरा करें। ताकि पात्र लाभान्वितों को  अनावश्यक रूप से भटकने की जरूरत न पड़े। इसके लिए ऐसी प्रणाली विकसित करें जिससे प्रकरणों की जानकारी पारदर्शिता के साथ हितग्राहियों को मिले और प्रकरण शीघ्र निराकृत हों।
कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि आर.सी.एम.एस. में दर्ज प्रकरणों का भी समय पर निराकरण करंे, लंबित प्रकरणों का प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र निराकरण करें तथा यह सुनिश्चित करें कि कोई भी प्रकरण लंबित नहीं रहे। सभी राजस्व प्रकरण  ऑनलाइन  दर्ज कर सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन निष्पक्षता और विधि के अनुसार करते हुये आदेश भी ऑनलाइन पारित कर प्रकरणों का निराकरण करें जिससे हितग्राही समय पर लाभान्वित हो सकें। उन्होंने निर्देश दिये कि पटवारी अपने हल्के के ग्रामों के सभी अविवादित व विवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, अतिक्रमण, डायवर्सन, वसूली आदि के प्रकरणों की एक पंजी संधारित करें जिससे सारी जानकारी एक साथ मिल सके। इस पंजी में तहसीलदार और नायब तहसीलदार न्यायालयों द्वारा प्रकरणों में पारित आदेश की प्रविष्टि भी करें। उन्होंने कृषि भूमि का गैर कृषि भूमि के रूप में उपयोग, लीज पर भूमि देने, नजूल भूमि आदि का असेसमेंट ठीक करके राजस्व वसूली करने के निर्देश भी दिये। कलेक्टर क्षीरसागर ने रीडर/पीठासीन अधिकारी के लॉगिन पर लंबित प्रकरणों, प्राकृतिक आपदा आर.बी.सी. 6 (4) के प्रकरणों एवं राहत राशि वितरण, भू-राजस्व एवं अन्य सभी मदों की मांग एवं वसूली की प्रगति, भूमि व्यपवर्तन की निगरानी आदि की प्रगति की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। वनाधिकार दावों का निराकरण करने, नजूल पट्टों का नवीनीकरण करने, निर्माणाधीन भवनों के लिए भूमि उपलब्ध कराने और अन्य बिंदुओं की प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये।

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