रायपुर : महिला से 1 लाख ऑनलाइन की ठगी:
लोग बैंक में ये सोचकर रकम जमा करते हैं कि जमा पूंजी पर कुछ फायदा और रकम सुरक्षित रहे। मगर ठग एक फोन करते हैं और ग्राहक घर बैठे ठगी का शिकार हो जाता है। ठग भी बिहार, दिल्ली और झारखंड में बैठकर रायपुर के लोगों के खाते से रकम हासिल कर लेते हैं। पिछले 7 दिनों में सिर्फ SBI के ही 4 ग्राहकों से लाखों की ठगी हुई है। ताजा मामला गुढ़ियारी का है।जनता कॉलोनी में रहने वाली चित्ररेखा साहू ने बताया कि इन्हें एक लड़की ने मोबाइल नंबर 07585004381 से कॉल किया। कुरियर भेजने की बातें की। महिला से कहा कि प्रोसेस के लिए दो रुपए हमें भेजिए। महिला बातों आ गई स्टेट बैक आफ इंडिया के खाते से 2 रुपए का डिजिटल पेमेंट किया। ठग महिला ने एक SMS भेजकर कहा कि इसे मोबाइल नं. 09223008333 पर फॉरवर्ड करो, इसके बाद SBI के अकाउंट से 990 रुपए कट गए। ठग ने महिला से उनके बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते की जानकारी ले रखी थी उसमें से भी 1 लाख रुपए कट गए। अब गुढ़ियारी थाने में 420 का केस दर्ज कर जांच की जा रही है।
बैंककर्मी लीक कर रहे डेटा
हाल फिलहाल की ठगी के मामलों की पड़ताल में रायपुर पुलिस को डेटा लीक से जुड़ी अहम जानकारी मिली है। गिरफ्तार किए ठगों ने कबूला है कि वो बैंक के कर्मचारियों से डेटा लेते हैं। एडिशनल एसपी तारकेश्वर पटेल ने बताया कि बड़े शहरों में डेटा खरीदी-बिक्री करने वालों का बड़ा रैकेट चल रहा है। 25 पैसे लेकर 10 रुपए तक में एक-एक व्यक्ति का डेटा बेचा जाता है।पुलिस ने बिहार के एक बिचौलिए से संपर्क किया है। बिचौलिए ने बताया कि ज्यादातर डेटा कंपनियों और संस्थानों से जुड़े लोग ही लीक करते है। पैसों के लिए डेटा को बेच देते है। ज्यादातर बीमा कंपनियों और बैंकिंग से जुड़े संस्थानों में इस तरह की गड़बडिय़ां हो रही है। इन कंपनियों के तकनीकी अधिकारी भी इसमें शामिल हैं।
डेटा का ऐसे होता है इस्तेमाल
पुलिस के मुताबिक ठगों को जब डेटा मिल जाता है, तब उनके पास नाम, मोबाइल नंबर के साथ-साथ ये पता चल जाता है कि संबंधित लोगों का खाता किस बैंक में है। उसने कहां- कहां और कौन – कौन सी बीमा पॉलिसी ली है। कई बार आधार नंबर भी मिल जाता है। इतनी जानकारी मिलने के बाद ठग उन्हें फोन करते हैं। ठग कॉलर लोगों को उनके नाम के साथ बुलाते हैं, इधर ग्राहक इस वजह से यकीन कर लेता है कि फोन कॉल बैंक से ही है और वारदात का शिकार बन जाता है।