इस बार 7 हजार 500 नंबर के लिए स्पर्धा, स्वच्छता सर्वे के लिए कवर्धा नपा क्षेत्र में तैयारी शुरू

स्वच्छ भारत मिशन 2.0 लांच हो चुका है। इसके साथ ही शहरी क्षेत्र में स्वच्छता के लिए स्पर्धा भी शुरू हो गई है। इस बार साढ़े 7 हजार नंबर के लिए स्पर्धा होगी। कचरों से राजस्व (आमदनी) बढ़ाने पर फोकस रहेगा। स्वच्छता सर्वे को लेकर कवर्धा शहर में कार्यों की शुरुआत हो गई है। 10 ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किए गए हैं, जो वार्डों में विभिन्न आयोजनों के जरिए लोगाें को स्वच्छता के लिए जागरूक करेंगे। अक्टूबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन 2.0 लांच किया था। इस बार स्पर्धा में शहरी क्षेत्रों को न सिर्फ कूड़े के ढेर से मुक्त करना होगा, बल्कि कचरों का 100 फीसदी प्रोसेसिंग के जरिए रेवेन्यू बनाना होगा। साथ ही घरों से निकलने वाले गंदे पानी को नालियों के जरिए नदी में मिलने से रोकना कवर्धा नगर पालिका के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। 2021 में जीता राष्ट्रीय पुरस्कार: स्वच्छता को लेकर कवर्धा शहर को राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। नगर पालिका कवर्धा का स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में 15 वां रैंक था। स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में चौथे रैंक पर आ गए। उसके बाद स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में अधिक मेहनत करते हुए पूर्वी क्षेत्र में छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, बिहार में 25 से 50 हजार की जनसंख्या वाले कुल 123 निकाय की सूची में कवर्धा ने प्रथम स्थान हासिल किया। स्टार रेटिंग में कवर्धा शहर को थ्री स्टार व खुले में शौच मुक्त शहर ओडीएफ डबल प्लस का भी खिताब हासिल है।स्वच्छता सर्वे 2022 को लेकर नगर पालिका में शुक्रवार को मीटिंग हुई। मीटिंग में कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा, एसपी डॉ. लाल उमेद सिंह, डीएफओ दिलराज प्रभाकर, नपाध्यक्ष ऋषि कुमार शर्मा मौजूद रहे। इस दौरान शहरी क्षेत्र के 10 व्यक्तियों को स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के लिए ब्रांड एंबेसडर बनाया गया। ये श्रमदान कार्यों, स्वच्छता शपथ से जागरूक करेंगे।स्व-सहायता समूह की लगभग 120 महिलाएं डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन व सेग्रीगेशन का काम करती हैं। अभी भी देखा जा रहा है कि घरों से लोग सूखा व गीला कचरा अलग-अलग नहीं दे रहे। इसमें सुधार की जरूरत है।
- नगर में एकत्रित कचरे को डंप करने की सुरक्षित जगह नहीं है। अब भी ट्रांसपोर्ट नगर के पीछे या नदी किनारे डंप किया जाता है। इस पर कड़ाई की जरूरत है।
- प्लास्टिक पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन इसका इस्तेमाल बंद नहीं हुआ। इस पर कड़ाई जरूरी है।
- घरों से निकलने वाला गंदा पानी 17 बड़े नालों के जरिए संकरी नदी में मिल रहा है। मिनीमाता चौक पर बना वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद है।