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सूरजपुर: तैमोर पिंगला के रेस्क्यू सेंटर में ‘सिविल बहादुर’ की मौत, झारखंड से सरगुजा में घुसते पकड़ा गया था – सूरजपुर तिमोर पिंगला रेस्क्यू सेंटर में हाथी ‘सिविल बहादुर’ की मौत

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तैमोर पिंगला के बचाव केंद्र में हाथी 'सिविल बहादुर' की मौत हो गई।

तैमोर पिंगला के बचाव केंद्र में हाथी ‘सिविल बहादुर’ की मौत हो गई।
– फोटो : बातचीत समाचार एजेंसी

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छत्तीसगढ़ के सूरजपुर स्थित तैमोर पिंगला रेस्क्यू सेंटर में मंगलवार सुबह हाथी ‘सिविल बहादुर’ की मौत हो गई। इस हाथी की उम्र 75 साल से अधिक बताई गई है। यह किसी भी हाथी की एक औसत आयु से अधिक है। पिछले कुछ समय से यह वृद्धराज हाथी बीमार भी था। वनविभाग के कर्मचारियों के लिए सिविल बहादुर एक साथी बन गया था। विभाग की ओर से उनके सम्मान का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

कैंप में करीब पांच साल से था

1990 के दशक में सिविल बहादुर हाथी को झारखंड से सरगुजा सीमा में प्रवेश करने पर पकड़ा गया था। कुसमी क्षेत्र के सिविल दाग में पकड़े जाने के कारण उनका सिविल ब्रेक हो गया था। दंताल हाथी सिविल बहादुर को वनविभाग ने प्रशिक्षित किया था। करीब पांच साल पहले उसे तैमार पिंगला रेस्क्यू सेंटर में लाया गया था। इसके बाद से वह रेस्क्यू सेंटर में सबका चहेता बन गया था।

औसत से ज्यादा थी हाथी की उम्र
रेस्क्यू सेंटर के चिकित्सक डॉ. अजीत पांडेय ने बताया कि सिविल बहादुर की उम्र हाथियों की औसत उम्र से ज्यादा थी। हाथी की उम्र करीब 50 से 70 साल की है। बढ़ती उम्र के साथ उनकी परेशानी बढ़ गई थी। हाथी के शव की तस्वीर भी होगी। सिविल बहादुर की मौत से हाथी रेस्क्यू सेंटर में सन्नाटा पसरा है। उनकी मौत से हर कोई सदमे में है।

विस्तार

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर स्थित तैमोर पिंगला रेस्क्यू सेंटर में मंगलवार सुबह हाथी ‘सिविल बहादुर’ की मौत हो गई। इस हाथी की उम्र 75 साल से अधिक बताई गई है। यह किसी भी हाथी की एक औसत आयु से अधिक है। पिछले कुछ समय से यह वृद्धराज हाथी बीमार भी था। वनविभाग के कर्मचारियों के लिए सिविल बहादुर एक साथी बन गया था। विभाग की ओर से उनके सम्मान का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

कैंप में करीब पांच साल से था

1990 के दशक में सिविल बहादुर हाथी को झारखंड से सरगुजा सीमा में प्रवेश करने पर पकड़ा गया था। कुसमी क्षेत्र के सिविल दाग में पकड़े जाने के कारण उनका सिविल ब्रेक हो गया था। दंताल हाथी सिविल बहादुर को वनविभाग ने प्रशिक्षित किया था। करीब पांच साल पहले उसे तैमार पिंगला रेस्क्यू सेंटर में लाया गया था। इसके बाद से वह रेस्क्यू सेंटर में सबका चहेता बन गया था।

औसत से ज्यादा थी हाथी की उम्र

रेस्क्यू सेंटर के चिकित्सक डॉ. अजीत पांडेय ने बताया कि सिविल बहादुर की उम्र हाथियों की औसत उम्र से ज्यादा थी। हाथी की उम्र करीब 50 से 70 साल की है। बढ़ती उम्र के साथ उनकी परेशानी बढ़ गई थी। हाथी के शव की तस्वीर भी होगी। सिविल बहादुर की मौत से हाथी रेस्क्यू सेंटर में सन्नाटा पसरा है। उनकी मौत से हर कोई सदमे में है।



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