अब नगर निगम किसी का अतिक्रमण / अवैध कब्जा नही तोड़ेगा जानिये पूरा मामला ?

तहलका न्यूज दुर्ग//अब नगर निगम दुर्ग किसी का अवैध कब्जा- अतिक्रमण नही हटाएगा, हटाना तो दूर की बात ,अब वो नए होने वाले कब्जे को ध्यान भी नही देगा, धीरे -धीरे जो इंदिरा मार्केट किसी जमाने मे शहर की शान हुआ करती थी, वो शान अब खत्म हो जाएगी, चावल लाइन जहां अनेको किस्म के चावल खरीदने दूर दूर से लोग आते थे, अब उस चावल लाइन में लोग घुस भी नही पाएंगे, पन्ना स्वीट्स जिसका समोसा किसी जमाने मे फेमस हुआ करता था, उसका स्वाद लेने कोई नही आ पायेगा, मनमोहन स्वीट्स ने तो अतिक्रमण से तंग आकर महाराजा चौक में अपना आउटलेट खोल दिया है, उसी तरह से पाटनी तेल की सस्ती दुकान, सिंघई मेवा की अच्छी क्वालिटी के मेवे, गणेश मेडिकल की दवाई ,दिग्जाम शो रूम के अच्छे रेडीमेड कपड़े, पूनम चंद गौतम चंद का सस्ता और अच्छा कपड़ा, बालचंद- संगम की अच्छी स्टेशनरी, प्रिया श्रृंगार का सामान, भट्टड़- लाला और रोली मोली का शुद्ध किराना, अग्रवाल- नेमा का शुद्ध खोवा, सोनाली रेस्टोरेंट का खाना, शनिचरी बाजार का डिस्टेम्पर- पेंट की वाजिब दुकान ये सब अगले 4 से 5 सालो में धीरे धीरे अपना दूसरा आउटलेट खोलने शहर से दूर जाकर ,महंगे दर में प्लाट लेकर अपना दुकान बनाएंगे, और अभी जिस जगह पर ये दुकान चला रहे है, उसे गोदाम की तरह उपयोग करेंगे, देर रात या सुबह सुबह ये सब अपने गोदाम आएंगे और अपना सामान अपने नए दुकानों में बेचने के लिए रखेंगे……
दुर्ग के विकास पुरूष का भी सपना सच हो जाएगा, ना खरीददार आएंगे ना शहर में व्यापार चलेगा, विकास पुरूष यह चाहते ही है, कि पुलगांव – बालोद रोड पर जैसे कपड़ा दुकान शिफ्ट हो चुका है, वैसे ही छोटे से छोटा किराना, मिठाई दुकान, मेडिकल स्टोर्स, जूते -चप्पल, स्टेशनरी शॉप ये सब चले जायें, और जैसे ही आप अपना पुश्तैनी शॉप छोड़कर जाए, और आपके घर- गोदाम के सामने लोग या उनके वोटर आये और आपके गेट को घेरकर अवैध कब्जा कर ले, क्योकि बड़े दुकानदार तो दिमाग वाले है, अपने दिमाग का उपयोग कर के वोट देते है, लेकिन एक ऐसा वर्ग जो अतिक्रमण-अवैध कब्जा करने में माहिर है, उनके सरंक्षक विकास पुरूष ही है……
23 दिसम्बर को लक्ष्मण तिवारी चले जायेंगे, और आगे के शासन की दशा -दिशा शहर के अतिक्रमण ही तय करेंगे ,और आप लोग इस व्हाट्सएप खबर या Joke पर मोबाइल लेकर आपस मे Comment करना कि हमारे शहर में अतिक्रमण बढ़ गया है, दुर्ग कलेक्टर, कमिश्नर, और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों को जिन्हें यहां से 1 या 2 साल में चले जाना है, उन्हें ही शहर के विनाश के लिए जिम्मेदार मानना……