यूक्रेन में फंसे हैं CG के 50 स्टूडेंट:पैरेंट्स को सता रही बच्चों की चिंता,स्टूडेंट बोले-हालात सामान्य,ऑनलाइन क्लासेस हो; सरकार से मदद की अपील
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के आसार हैं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार के दूतावास ने यूक्रेन में रहने वाले भारतीयों को भारत लौटने की सलाह दी है। छत्तीसगढ़ के भी 50 से अधिक स्टूडेंट यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं, जो युद्ध के हालात से चिंतित हैं। इससे ज्यादा चिंता उनके पैरेंट्स को हो रही है। छात्र अपने यूनिवर्सिटीज से ऑनलाइन कक्षाएं लगाने की मांग कर रहे हैं। ताकि वे सुरक्षित अपने घर पहुंचकर ऑनलाइन पढ़ाई कर सके।ने छत्तीसगढ़ के रहने वाले कुछ छात्रों से वीडियो कॉलिंग के जरिए बातचीत की। छात्रों ने जो हालत बताए उसे हम सामने ला रहे हैं।
छात्रों ने बताया कि अभी यूक्रेन में हालात सामान्य है। लेकिन, बॉर्डर में वार की स्थिति है। अभी यूनिवर्सिटी में कक्षाएं लग रही हैं। इसके चलते उन्हें वापस आने पर पढ़ाई की चिंता है। उन्होंने बताया कि मीडिया में जिस तरह की बातें हो रही है, यहां वैसी स्थिति नहीं है। दूतावास ने एडवायजरी जारी की है, जिसमें उन्हें अपने घर लौटने जैसे बातें कही गई हैं। पर पढ़ाई प्रभावित होने और फ्लाइट महंगे होने के कारण छात्र असमंजस की स्थिति में है। स्टूडेंट्स चाहते हैं कि हालत बिगड़ने से पहले ही अपने घर सुरक्षित पहुंच जाए।
मम्मी-पापा हैं परेशान- अभिषेक
यूक्रेन के डेनिपर में रहने वाले छात्र अभिषेक भगत ने दैनिक भास्कर को बताया कि अभी यहां स्थिति सामान्य है, जो भी युद्ध की स्थिति है वह बॉर्डर में होगा। डेनिपर के डेनिप्रोपोत्रोस्क स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में छह साल से MBBS की पढ़ाई कर रहे अभिषेक ने कहा कि अभी कक्षाएं लग रही है। लेकिन, घर वापसी की चिंता भी है। घर में मम्मी-पापा भी परेशान हैं और चिंतित हैं। वे चाहते हैं कि यहां के हालात और खराब होने से पहले बच्चे घर लौट आएं।
टीचर हैं अभिषेक के पापा
छात्र अभिषेक बिलासपुर के शांतिनगर में रहता है। उनके पापा आरआर भगत शिक्षक हैं। मीडिया में युद्ध की खबरें आने के बाद उन्होंने वीडियो कॉल से अभिषेक से बातचीत की। लेकिन, उनके मन में अभी डर है और बच्चे की चिंता सता रही है।
बिलासपुर और आसपास के 10 स्टूडेंट
मरवाही के छात्र सलील राय भी यूक्रेन में मेडिकल छात्र हैं। वह तीन साल से यूक्रेन में रह रहा है। उसने बताया कि बिलासपुर और आसपास के 10 से अधिक स्टूडेंट हैं, जो पढ़ाई कर रहे हैं। सलील बिलासपुर आना चाहता है। वह अपनी फ्लाइट के किराए को लेकर टेंशन में है।
ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करें स्टूडेंट
दैनिक भास्कर से बातचीत में छात्रों ने कहा कि युद्ध के बारे में हमें ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन, यहां स्थिति सामान्य है और कक्षाएं भी चल रही है। अगर भारतीय दूतावास ने लौटने की बात कही है, तो यहां यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करनी चाहिए, ताकि स्टूडेंट अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।
फ्लाइट महंगी है, ऐसे में कैसे जाएं घर
यूक्रेन में फंसे छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से यहां फ्लाइट की टिकटों में भारी बढ़ोतरी हो गई है। स्थिति यह है कि फ्लाइट की टिकट 50 हजार रुपए से शुरू होकर डेढ़ लाख रुपए तक में मिल रही है। ऐसे में चाहते हुए भी उन्हें घर वापस आने में परेशानी हो रही है। क्योंकि, इतनी बड़ी रकम सामान्य नहीं है।
सरकार से मदद की अपील
छात्रों ने बताया कि उन्होंने छत्तीसगढ़ से यूक्रेन में रहने वाले छात्रों ने अपना वॉट्सऐप ग्रुप बनाया है, इसमें 24 स्टूडेंट हैं। युद्ध के हालात में स्थिति बिगड़ने से पहले ही स्टूडेंट अपने घर लौटने की बात कह रहे हैं और इसके लिए सरकार से अपील भी कर रहे हैं कि उनकी वापसी के लिए मदद करे।
जांजगीर-चांपा के भी हैं स्टूडेंट
यूक्रेन में जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा व आसपास के बच्चे भी पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें वर्षा तंबोली भी हैं, जो संतोष तंबोली की बेटी है। संतोष अपनी बेटी से लगातार बात कर रहे हैं। इधर, मीडिया में आ रही खबरों को लेकर संतोष भी काफी चिंतित हैं।