कवर्धा : स्वास्थ्य विभाग में अटैचमेंट को खत्म:अटैच मेडिकल ऑफिसर, बीपीएम समेत 26 हेल्थ वर्कर भेजे गए पोस्टिंग वाले स्थान पर
जिला स्वास्थ्य विभाग में अटैचमेंट को खत्म कर दिया गया है। अटैच किए गए मेडिकल ऑफिसर, बीपीएम (ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर) समेत 26 हेल्थ वर्कर की लिस्ट निकाली गई है। अब इन कर्मचारियों की जहां पोस्टिंग (मूल पदस्थापना) है, वहीं भेजे जा रहे हैं। लिस्ट जारी होने के बाद भी कुछ कर्मचारी अपने मूल पदस्थापना वाले अस्पतालों में ज्वाइनिंग नहीं दिए हैं।
जारी सूची में से 95 फीसदी कर्मचारी ऐसे हैं, जिनकी पोस्टिंग तो वनांचल क्षेत्र के अस्पतालों में है, अटैचमेंट के चलते मैदानी एरिया में ड्यूटी कर रहे थे। कई कर्मचारी तो 9 से 10 साल तक अटैच में काम कर रहे थे। मैदानी क्षेत्र में ड्यूटी के बाद भी वे पहुंचविहीन क्षेत्र में पदस्थापना के बदले सीआरएमसी (छग रूरल मेडिकल कोर) का लाभ ले रहे थे।
जबकि मैदानी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को सीआरएमसी देने का प्रावधान नहीं है। इससे शासन को नुकसान हुआ है। बोड़ला के पूर्व बीएमओ डॉ. पीएल कुर्रे को एमबीबीएस होने के बावजूद विशेषज्ञ डॉक्टर के बराबर सीआरएमसी भत्ता मिल रहा था। इस मामले में उनकी रिकवरी निकाली गई है।
क्या है सीआरएमसी
छग रूरल मेडिकल कोर ये प्रोत्साहन राशि है। जो चिकित्सा अधिकारी, पैरा मेडिकल स्टॉफ, आरएमए, स्टॉफ नर्स को दूरस्थ क्षेत्र में सेवा के बदले मिलती है। उन्हें कठिन, कठिनतम और पहुंचविहीन क्षेत्र के हिसाब व योग्यता के मुताबिक 2 हजार से 40 हजार रु. भत्ता मिलता हैं। बोड़ला, पंडरिया ब्लॉक के 90% व स. लोहारा ब्लॉक के 50% अस्पताल इसमें आते हैं।
मूल पदस्थापना में भेजे गए
आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ. चंचला चंद्रवंशी, डॉ. सुरेन्द्र चंद्रवंशी, डॉ. गोकुल प्रसाद बंजारा, बीपीएम प्रदीप सिंह ठाकुर, एएनएम हेमलता घृतलहरे, मोली टेकाम, शीला जायसवाल, ज्योति राजपूत, अमिता माठले, कविता चंद्रवंशी, आरएमए शशांक शर्मा, सेक्रेटेरियल असिस्टेंट चिंता कुमार, दिलीप कुमार चुरेन्द्र, जितेन्द्र झारिया समेत 26 कर्मचारी मूल पदस्थापना में वापस भेजे गए हैं।
ज्यादातर कर्मचारी वर्ष 2018 में अटैच हुए
इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. शैलेन्द्र कुमार मंडल का कहना है कि 26 कर्मचारी अटैच पर थे, जिन्हें वापस मूल पदस्थापना वाली जगहों पर भेजा गया है। ज्यादातर कर्मचारी वर्ष 2018 में अटैच किए गए थे। दीगर जिलों की तुलना में कबीरधाम में अटैचमेंट कम है। दुर्ग जिले में सबसे ज्यादा 162 और बालोद में 65 कर्मचारी अटैचमेंट पर थे।