दिव्यांग की हत्यारी महिला को उम्रकैद महिला के चरित्र पर संदेह को लेकर विवाद किया, तो खाट के पाए से अधेड़ को मार डाला था
दिव्यांग अधेड़ ग्रामीण की हत्या करने वाली महिला को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दिव्यांग ग्रामीण परिवार से अकेले रहता था। हत्या की इस घटना के तीन माह पहले ही महिला उसके साथ रहने के लिए आई थी। चरित्र पर शंका करने को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ, तब महिला ने खाट के पाए से हमला कर दिव्यांग की हत्या कर दी थी। मामला सीपत थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के अनुसार ग्राम मोहरा निवासी सुरेश भोई (55) अपने परिवार वालों से अलग रहता था। वह गांव के तुंगन नाला के पास झोपड़ी बनाकर रहता था। एक पैर से दिव्यांग होने के कारण वह भीख मांगकर जीवन गुजारा करता था। 8 सितंबर की सुबह उसकी खून से लथपथ लाश उसके घर में पड़ी थी। इस घटना की सूचना पर पुलिस ने मर्ग जांच के बाद धारा 302 के तहत हत्या का अपराध दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस को गुमराह करती रही महिला
शुरुआती जांच के दौरान आरोपी महिला सुनीता बाई पुलिस को गुमराह कर रही थी। उसने बताया कि घटना की रात दो अज्ञात व्यक्ति आए थे, जिन्होंने सुरेश भोई पर हमला किया है। पुलिस उसकी बातों में आकर हमलावरों की तलाश करती रही। फिर बाद में महिला पर शक हुआ, तब उससे बारीकी से पूछताछ की गई।
साथ में रहने वाली महिला ही निकली आरोपी, अब हुई सजा
सितंबर 2019 के तीन माह पहले रतनपुर क्षेत्र के ग्राम मोहदा निवासी सुनीता बाई डगरजी (35) उसके साथ में रह रही थी। हत्या की वारदात हुई, तब भी महिला उसके साथ थी। जांच के दौरान पुलिस को महिला पर शक था। लिहाजा, उससे पूछताछ की गई। महिला ने पुलिस को बताया कि मृतक सुरेश भोई उसकी चरित्र पर शंका कर विवाद करता था। जिससे तंग आकर उसने खाट के पाए से सुरेश के सिर पर हमला कर दिया था।
महिला के बताए अनुसार पुलिस ने खाट के पाए को जब्त भी किया था, जिसे उसने छिपा दिया था। एक माह बाद पुलिस ने 14 अक्टूबर 2019 को हत्या का अपराध दर्ज कर महिला को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके खिलाफ चार्जशीट पेश किया और ट्रायल के बाद उसे दोषी माना गया। अब शनिवार को पंचम अपर सत्र न्यायाधीश स्मिता रत्नावत की कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।