नई शिक्षा नीति युवाओं के जीवन में और शिक्षण के तरीकों में व्यापक बदलाव लाएगी: राज्यपाल उइके
राज्यपाल अनुसुईया उइके आज छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के स्थापना दिवस समारोह में वर्चुअल रूप से शामिल हुई। उन्होंने आयोग को 17 वर्ष सफलतापूर्वक पूरे करने के लिए बधाई दी और कहा कि आयोग द्वारा निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता बनाये रखने के लिए सराहनीय प्रयास किए गए। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा युवाओं के भविष्य को संवारने के लिए लागू की गई नई शिक्षा नीति-2020 निजी विश्वविद्यालयों में शीघ्र ही लागू करने का आग्रह किया, जिससे युवाओं का समग्र रूप से विकास हो सके। उइके ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 छत्तीसगढ़ में भी अगले सत्र से लागू की जाएगी। यह नीति युवाओं के जीवन में और शिक्षण के तरीकों में व्यापक बदलाव लाने वाली है। नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास की बात कही गई है, ताकि वह शैक्षणिक रूप से उन्नत हो और जीवन में चहुंमुखी प्रदर्शन कर सके। नई शिक्षा नीति में व्यक्तित्व विकास एवं वोकेशनल एजुकेशन पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। कार्यक्रम में निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. शिववरण शुक्ल सहित निजी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति, कुलपति वर्चुअल रूप से शामिल हुए।
राज्यपाल ने कहा कि कोविड महामारी के कारण आज अध्ययन और अध्यापन के तरीकों में काफी बदलाव आया है और इससे शिक्षा की गुणवत्ता में असर पड़ने के साथ ही विद्यार्थियों के मानसिक विकास में भी परिवर्तन आया है। हमें इस ओर भी विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा सभी निजी विश्वविद्यालयों के साथ समन्वय कर एक मेंटरशिप प्रोग्राम चलाना चाहिए, जिसमें विद्यार्थियों से उनकी अभिरूचि एवं क्षमता के हिसाब से विशेषज्ञ नियमित रूप से संवाद करे और उन्हें प्रेरित करे। इससे विद्यार्थियों के कैरियर निर्माण में भी सहायता मिलेगी।उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों से आग्रह किया कि चूंकि ऑनलाईन प़ढ़ाई के कारण विद्यार्थियों का अधिकांश समय घर पर मोबाईल एवं लैपटॉप के साथ ही बीतता है। अतः अभिभावकों को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए कि विद्यार्थियों को इसकी लत न लगे और वे सही राह में चले। बच्चों को समय-समय पर प्रोत्साहन देते रहना चाहिए और मोटिवेशन संबंधी पुस्तकें पढ़ने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए। युवाओं के सफल कैरियर में सहयोग देने के साथ ही उन्हें नैतिक रूप से जिम्मेदार बनाने का दायित्व अभिभावकों एवं शिक्षकों दोनों का है।कार्यक्रम में राज्यपाल ने आयोग की स्मारिका ‘विद्या निलयम्’ का विमोचन किया। वर्चुअल समारोह में विभिन्न निजी विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक भी शामिल हुए।