छत्तीसगढ़ स्पेशल

उठाव में सुस्ती; बारिश की चेतावनी के बीच केंद्रों में 20.43 लाख क्विंटल धान जाम

पश्चिमी विक्षोभ के कारण 9 जनवरी से मौसम में बदलाव आ गया है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए कबीरधाम समेत 18 जिलों में बारिश व ओले गिरने की चेतावनी जारी है। चेतावनी के बीच जिले के उन केंद्रों में धान खरीदी बंद हो सकती है, जहां अभी तक लक्ष्य के 80 फीसदी धान की खरीदी हो चुकी है। इससे निश्चित ही किसानों को परेशान होना पड़ेगा।इस मौसम से न सिर्फ किसान बल्कि समितियों की मुश्किलें भी बढ़ गई है। क्योंकि केंद्रों में खरीदे गए धान के उठाव में सुस्ती बरती जा रही है। केंद्रों में खरीदे गए 20.43 लाख क्विंटल धान जाम पड़े हैं, जो कि कुल खरीदी का 65 फीसदी है। वहीं पिछले एक महीने में मार्कफेड (जिला विपणन विभाग) खरीदे गए कुल धान का 34.11 फीसदी ही परिवहन करा पाई है। इसमें 5.17 लाख क्विंटल धान कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिलर्स ने उठाया है, जबकि 5.41 लाख क्विंटल धान परिवहन कर संग्रहण केंद्रों में रखवाए हैं। यानी कुल 10.58 लाख क्विंटल धान का उठाव हुआ है। इधर आगामी दिनों में बारिश होने की संभावना है।केंद्राें के जरिए समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदे गए धान की सुरक्षा में लापरवाही बरती जा रही है। पखवाड़ेभर पहले हुई बारिश और ओलावृष्टि के दौरान हश्र देखा जा चुका है। केंद्रों में हजाराें क्विंटल धान के बोरे भीग गए थे। इस पर अफसरों को चेतावनी भी दी गई थी। डीएमओ टिकेन्द्र राठौर का कहना है कि खरीदे गए धान की सुरक्षा में सावधानी बरत रहे हैं।कबीरधाम जिले में 103 केंद्रों के जरिए 31.01 लाख क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। पंजीकृत 88372 किसानों से इतना धान खरीदी हुआ है। अब भी लगभग 18 हजार किसानों से लगभग 13 लाख क्विंटल खरीदा जाना शेष है। केंद्रों में धान परिवहन में 300 ट्रकें लगी है। इन ट्रकों से रोज औसतन 50 हजार क्विंटल धान उठाव हो रहा है। परिवहन तेज करना होगा।खरीदे गए धान की सुरक्षा के लिए समितियों को लगभग 78 लाख रुपए दिए गए हैं। जिला विपणन अधिकारी टिकेन्द्र कुमार राठौर बताते हैं कि पिछले साल की धान खरीदी के आधार पर प्रति क्विंटल 3 रुपए समितियों को दिया जाता है। बीते सीजन 39 लाख क्विंटल धान खरीदी हुई थी। इस लिहाज से समितियों को 1.17 करोड़ रुपए धान की सुरक्षा के लिए मिलना है।रायपुर के मौसम विभाग विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया है। इसके मुताबिक अगले 3 दिन तक मौसम ऐसे ही रहेगा। बारिश होने की भी संभावना जताई है। मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा बताते हैं कि ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर हरियाणा के ऊपर में स्थित है। यहीं से एक द्रोणिका 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक दक्षिण-पूर्व मध्य प्रदेश तक स्थित है। एक द्रोणिका उत्तर अंदरूनी-कर्नाटक से उत्तर मध्य- महाराष्ट्र 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके असर से राज्य में मंगलवार को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। अधिकतम तापमान में गिरावट और न्यूनतम तापमान में विशेष परिवर्तन नहीं होगा। इधर, हरियाणा से लेकर दक्षिण पूर्व मध्यप्रदेश तक द्रोणिका के मौजूदगी के कारण प्रदेश के मध्य भाग में एक-दो स्थानों पर ओला गिरने की संभावना है।

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