छत्तीसगढ़ का पहला नो डंपिंग यार्ड वाला शहर बना अंबिकापुर
तहलका न्यूज अम्बिकापुर// उत्तर छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर शहर छत्तीसगढ़ का पहला नो डंपिंग बार्ड वाला शहर बन गया है। यहां पूर्व में संचालित 50 साल पुराने डंपिंग यार्ड को पार्क के रूप में तब्दील कर दिया है। अब यहां गंदगी नहीं बल्कि फूलों की खुशबू बिखरती है। 15 एकड़ क्षेत्र में फैले इस डंपिंग यार्ड की सूरत ही बदल गई है। नई पीढ़ी को तो यह पता भी नहीं चलेगा कि कभी यह डंपिंग यार्ड था। घरों से निकलने वाले कचरे के निपटान के लिए भिठ्ठीकला में संयंत्र की स्थापना की गई है। यहां कचरे से कंपोस्ट खाद का निर्माण किया जा रहा है। यहां से निर्मित कंपोस्ट खाद को सीधे किसान खरीद कर ले जाते हैं या शहर के उद्यानों के फूल पौधों में उपयोग आ रहा है। यहां गीले कचरे का बेहतर निपटान किया जा रहा है। शहर की नालियों से निकलने वाला मलबा भी यहां मशीन से छान कर अलग किया जाता है। इसमें मिट्टी और रेत जो छानने के बाद काफी बारीक होती है वह खाद के लिए सर्वाधिक उपयुक्त मानी जाती है।
कैसे बना ये इंपिंग यार्ड स्वच्छता पार्क
वर्ष 2016 में यहां पदस्त कलेक्टर ऋतु सैन ने बिलासपुर रोड स्थित शहर के डंपिंग बार्ड के पहाड़ मुमा कचरे को देख इसे स्वच्छता पार्क बनाने की योजना बनाई। ब्रड़े पैमाने पर मशीनरी लगाकर यहां के कचरे के पहाड़ को निकालकर बड़ा टीला बनाया गया। इस टीले पर रागी की खेती पहली बार की गई इसके बाद लेमनग्रास लगाया गया। लेमनग्रास अभी भी यहां मौजूद हैं जिससे अलग तरह खुशबू आती है। पूरा टीला लगभग 800 मीटर का है जिसमें फूल-पौधे लगाए गए हैं जो हरियाली बिखेर रही है। जहां से कचरा हटाया गया था उस पूरे क्षेत्र को पार्क के रूप में तब्दील कर दिया गया। अब यहां शहर लोग सैर सपाटे के लिए परिवार सहित पहुंचते हैं।