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नारायणपुर में 100 से अधिक देवी देवताओं का जमावड़ा, 20 से अधिक ग्रामों से पहुंचे भक्त

तहलका न्यूज नारायणपुर// जिले के कोहकामेटा में वर्ष में एक बार आयोजित ककसाड़ देवी जतरा में 20 से अधिक ग्रामों से आदिवासी समाज के सदस्य अपने अपने देवी देवताओं के प्रतीक आंगा, डोली और डांग लेकर पहुंचे । लगभग 100 से अधिक देवी-देवताओं का जमावड़ा कोहकामेटा के देव गुड़ी प्रांगण में लगा। देवी-देवताओं से आशीर्वाद लेने हजारों ग्रामीण मौजूद थे इस अवसर पर मौजूद पुरुष सदस्यों ने ढोल पीट कर और महिलाओं ने मधुर पारंपरिक गीत गुनगुनाते हुए पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया है। देवी-देवताओं के पुजारियों ने देव खेलनी आयोजित की। इसमें आदिवासी पुजारी और सिरहा ढोल नगाड़ों की धुन पर झूमते नजर आए हैं।

सदियों से चली आ रही परंपरा अनुरूप साल में एक बार तीन दिनी इस आयोजन में नरेटी समुदाय और संबंधित आदिवासी समाज के ग्रामीण अपने इष्ट को मन्नत अनुसार फल, सब्जी, नारियल, पालतू पशु-पक्षी अर्पण करते हैं। कार्यक्रम में कच्चापाल, कनागांव तोके, कुतुल सीताराम, बेसेमेटा, कंदाड़ी, बावड़ी बमनी, सीतापाल, किहकाइ, कुकडऔर निरामेटा, डूम, हतलानार, मारदूम, कोकोड़ी, कामाचाही आदि ग्रामों से ग्रामीण देवी-देवता के प्रतीक लेकर पहुंचे हैं।

ककसाड़ का खास महत्व

जिले की आदिवासी संस्कृति में देव ककसाड़  का खास महत्व माना है। देव ककसाड़ के उपलक्ष्य में आदिवासी समाज के लोग अपने कुल देवता के पूज्य स्थल देवगुडी में एकत्र होते हैं। इस अवसर पर देव खेलनी भी होती है ।आदिवासी अपने पारंपरिक नृत्य कर अपनी भक्ति और खुशी देवता के प्रति जाहिर करते हैं।

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