बस्तर मे दिखा रूस और यूक्रेन के युद्ध का असर,ग्रामीणो ने जलाया पुतला

बस्तर । रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को लगभग एक महीना पूरा होने जा रहा है। इस युद्ध के विरोध में अब बस्तर में ग्रामीण भी आंदोलन पर उतर आए हैं। बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित गंगालूर में सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा हुए। रूस और अमेरिका के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इन दोनों का ग्रामीणों ने पुतला दहन किया। साथ ही नाटो को रद्द करने की मांग भी की है। ग्रामीणों ने कहा कि दुनिया में अमन-चैन कायम करो। हमें युद्ध नहीं शांति चाहिए।
ग्रामीणों ने कहा कि, दोनों देशों के बीच युद्ध को जल्द से जल्द बंद कद दिया जाए। साथ ही जितने भी प्रतिबंध लगाए गए हैं उन्हें खत्म कर दिया जाए। युद्ध की वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। देश में महंगाई भी लगातार बढ़ रही है। ग्रामीणों ने मांग कि है बस्तर में चल रहे जन आंदोलन में ग्रामीणों का दमन बंद किया जाए। साथ ही बस्तरवासियों का शोषण नहीं बल्कि पोषण में जोर दिया जाए। ग्रामीणों को गोला बारूद नहीं बल्कि गोली दवा चाहिए।
जहां जलाया पुतला वहां बंधा था नक्सलियों का बैनर
गंगालूर इलाके के जंगल में जिस जगह ग्रामीणों ने युद्ध को लेकर आंदोलन किया वहां नक्सलियों का बैनर भी बंधा था। यह बैनर नक्सलियों के गंगालूर एरिया क्रांतिकारी जनताना सरकार जन संगठन की तरफ से बांधा गया था। इसी जगह पर ग्रामीणों ने दोनों देशों के राष्ट्रपति का पुतला जलाया। बैनर में नक्सलियों ने भी रूस-यूक्रेन युद्ध के विरोध में बात लिखी है।
नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी ने भी किया था युद्ध का विरोध
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर माओवादियों की सेंट्रल कमेटी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। महज सप्ताहभर पहले माओवादियों की सेंट्रल कमेटी ने प्रेस नोट जारी कर युद्ध का विरोध किया था। सेंट्रल कमेटी ने कहा था कि युद्ध का पूरे देश में बुरा असर पड़ रहा है। महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आ गया है। दुनिया में कच्चे तेल का भाव 110 डॉलर प्रति बैरल हो गया है। जो कुछ दिनों में 150 डॉलर प्रति बैरल को भी छू लेगा।