छत्तीसगढ़ में 49 पैसे लगी बिजली:कंपनियों ने सींक वीसीए चार्ज, 100 यूनिट पर देने होंगे 49 रुपये ज्यादा – छत्तीसगढ़ में 49 पैसे महंगी हुई बिजली

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– फोटो : बातचीत समाचार एजेंसी
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छत्तीसगढ़ के लिए ठंड में बिजली का झटका है। छत्तीसगढ़ स्टेट इलेक्ट्रिक डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने गुरुवार को वीसीए (वैरिएबल कॉस्ट एडजेस्टमेंट) चार्ज 49 पैसा प्रति यूनिट बढ़ाने का फैसला किया है। इसके चलते अब यह 1.10 रुपये प्रति यूनिट हो गया है। पहले यह 61 पैसे थे। चार महीने में यह दूसरी बार है, जब कंपनी की ओर से वीसीए चार्ज बढ़ा है। ग्राहकों को अब 100 यूनिट पर 49 रुपये ज्यादा दिए जाएंगे।
CSPDCL को 459 करोड़ का अधिक भुगतान करना पड़ रहा है
कंपनी की ओर से बताया गया है कि अगले माह से यह कारण हो रहा है। इसके कारण अगस्त और सितंबर के दौरान जो बिजली एनटीपीसी की ओर से जारी की गई थी, उसमें से सभी विद्युत निर्देशों आयोग की ओर से तय दर की तुलना में 459 करोड़ अधिक का भुगतान करना पड़ा है। जबकि बिजली कंपनी से जाने वाली बिजली बिल की तुलना में 26 करोड़ रुपये की कमी है। इससे बिजली खरीदने में 549 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।
सितंबर में भी VCA चार्ट को सींक किया गया था
इससे पहले दिसंबर, जनवरी में प्रति यूनिट 49 पैसे में कमी आई थी। सितंबर 2022 में भी VCA की रैंकिंग हुई थी। सितंबर में 0.23 पैसे प्रति यूनिट का मामला हुआ। बिजली 4 महीने में 0.72 पैसे यूनिट लग गई है। कहा जा रहा है कि अगस्त और सितंबर में जाग्रत लाइटनिंग मिली है। बिजली के लिए जो पैसे ज्यादा दिए गए हैं, उसे समायोजित करने के लिए ही वीसीए चार्ज में 0.49 रुपए प्रति यूनिट की वृद्धि की जा रही है।
सबसे बड़ी कंपनियों और दर की तुलना में वृद्धि
- नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन 459 करोड़ रुपये
- एनटीपीसी-सेल पावर कॉरपोरेशन 5.74 करोड़ रुपये
- सीएसपीजीसीएल – (नवीकरणीय स्रोत) 18.79 करोड़ रुपये
- सीएसपीजीसीएल-(तापीय स्त्रोत ) (-) 26.51 करोड़ रुपये
- अन्य (बायोमॉस, सौर, लघु जल, नेकीय ऊर्जा संयंत्र आदि) 92 करोड़ रुपये
- सकल वीसीए राशि 549.01 करोड़ रुपये
हर दो महीने में वीसीए की गणना होती है
वीसीए की गणना प्रत्येक दो माह में की जाती है। अगस्त और सितंबर के दौरान वीसीए के कारण ड्रिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने बिजली पर विद्युत आयोग की ओर से रेटिंग दर की तुलना में 549 करोड़ रुपये का अधिक भुगतान किया है। इसका प्रमुख हिस्सा एनटीपीसी का 459 करोड़ रुपये है। छत्तीसगढ़ स्टेट इलेक्ट्रिक प्रोडक्शन कंपनी के बिल में आयोग द्वारा दर की तुलना में 26.51 करोड़ रुपये की कमी है।
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