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कबीरधाम : फेडरेशन 34% DA और HRA के लिए 96 कर्मचारी संगठनों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, इन मांगों पर अड़े

कवर्धा। बोड़ला नगर पंचायत पहुंचे छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन संघ के लोगो ने अपनी मांग पत्र sdm और जनपद सीईओ, और मुख्य नगर पालिका अधिकारी को ज्ञापन सौंपा । छत्तीसगढ़ राज्य में कमरतोड़ महंगाई तथा उससे राहत हेतु केंद्र के अनुसार शासकीय अधिकारियों / कर्मचारियों को 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं 7 वें वेतन आयोग के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता दिया जाना है । खेद का विषय है कि प्रदेश के कर्मचारी / अधिकारी मात्र 22 प्रतिशत महंगाई भत्ते पर अटके हैं तथा गृह भाड़ा भत्ता भी 6 वें वेतन आयोग के अनुसार दिया जा रहा है जो आधा भी नहीं है। इसके विपरीत प्रदेश में (1) विद्युत विभाग के कर्मचारियों को 34 प्रतिशत (2) प्रदेश के अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को 31 प्रतिशत एवं (3) पेन्शनर्स को केवल 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता ही दिया जा रहा है, जबकि महंगाई तो सभी के लिये समान है । छत्तीसगढ़ के अन्य कर्मचारी / अधिकारी मात्र 22 प्रतिशत महंगाई भत्ता प्राप्त कर रहे हैं जो अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम है । कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता स्वीकृत है । पढोसी राज्य मध्यप्रदेश मे भी 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है।

छ०ग० कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने दो-दो बार सरकार को पत्र लिखा है, नोटिस दी है, किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई, कोई चर्चा भी नहीं की गई ।

वर्तमान में अभी 24 जुलाई से 29 जुलाई तक सांकेतिक आन्दोलन या गया। पूरे प्रदेश के समस्त कार्यालय पूर्ण रूप से बंद रहे और सरकारी कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ । संवेदनशील सरकार को कर्मचारियों की मांगों को पूर्ण करने हेतु अग्रसर होना था किन्तु इसके ठीक विपरीत दंगनात्मक कार्यवाही करते हुए प्रदेश के कर्मचारियों का 5 दिन का वेतन काटने तथा सर्विस ब्रेक करने का आदेश जारी कर दिया गया । परिणामस्वरूप प्रदेश के कर्मचारियों/अधिकारियों में भारी आकोश है और इसलिये सरकारी सेवकों ने दिनांक 22 अगस्त 2022 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। यदि कर्मचारियों को मांगों को शीघ्र पूर्ण नहीं किया गया तो प्रदेश में एक अप्रिय स्थिति निर्मित होना अवश्यम्भावी है।

प्रदेश के साढ़े चार लाख कर्मचारी / अधिकारियों का मार्मिक अनुरोध है कि हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शो के अनुरूप समस्त दायित्वों को निर्वहन करते हैं। सरकार की नीतियों एवं योजनाओं को अमलीजामा पहनाने एवं जमीन पर उतारने का दायित्व सरकारी कर्मचारियों का होता है जिसे हमने पूरी निष्ठा, लगन एवं मेहनत से किया है एवं फलतः छत्तीसगढ़ सरकार की कई योजनाओं के क्रियानवयन को केन्द्र एवं नीति आयोग द्वारा न केवल सराहा गया है अपितु पुरस्कृत भी किया गया है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ राज्य को मॉडल राज्य के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। कोरोना काल में तो सरकारी कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य किया है। ऐसी स्थिति में प्रदेश के कर्मचारियों को पुरस्कृत करने की बजाय उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है । आपसे निवेदन है कि आप अपने जनप्रतिनिधि होने का दायित्व एवं अपने प्रभाव का उपयोग करने की कृपा करें ताकि अप्रिय स्थिति को टाला जा सके तथा सरकार और कर्मचारी संगठनों के बीच सामन्जस्य को बरकरार रखा जा सके।

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