विदेश मंत्रालय से मिलकर सुरक्षित वापसी की कोशिशें;CM बोले- हर संभव करेंगे मदद
मुख्यमंत्री ने कहा, “कूटनयिक चर्चा तो भारत सरकार को करनी होगी। राज्य शासन की ओर से हमने इसके लिए अधिकारी नियुक्त किया है और लगातार सम्पर्क में हैं।’ अधिकारियों ने बताया, केन्द्र सरकार से समन्वय बनाकर छत्तीसगढ़ के नागरिकों की सुरक्षित वापसी के प्रयास किए जा रहे हैं। यह कार्य भारतीय विदेश मंत्रालय के सहयोग और समन्वय के बिना सम्भव नहीं है। फिलहाल केन्द्र सरकार द्वारा यूक्रेन में मौजूद भारतीय नागरिकों को अपने-अपने स्थानों में सुरक्षित रूप से बने रहने की सलाह दी गई है।
बताया जा रहा है, यूक्रेन के कीव स्थित भारतीय दूतावास में करीब 200 विद्यार्थियों को ठहराया गया है। ये विद्यार्थी कई शहरों से 24 फरवरी की एयर इंडिया की उड़ान पकड़ने आए थे। हवाई सेवा बंद होने और मार्शल लॉ लागू होने के बाद ये लोग कीव में फंस गए। भारत के राजदूत पार्थ सतपथी ने इन विद्यार्थियों से मुलाकात कर सुरक्षित वापसी का भरोसा दिलाया है।
मंगलवार को स्थापित हुआ था छत्तीसगढ़ हेल्पडेस्क
राज्य सरकार ने मंगलवार को नई दिल्ली के छत्तीसगढ़ भवन में एक हेल्प डेस्क का गठन कर नंबर जारी किया था। अधिकारियों ने बताया, संपर्क अधिकारी गणेश मिश्र, नई दिल्ली के छत्तीसगढ़ भवन से यूक्रेन में मदद संबंधी गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं। उनसे लैंडलाइन 01146156000 और मोबाइल नंबर 9997060999 से संपर्क किया जा सकता है। यूक्रेन हेल्पडेस्क का एक फैक्स नंबर 01146156030 भी जारी किया गया है।
हेल्पडेस्क शुरू होते ही मदद के कॉल आने लगे
छत्तीसगढ़ के संयुक्त आवासीय आयुक्त संजय अवस्थी ने बताया, अब तक 75 विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों ने हेल्पडेस्क से संपर्क कर मदद मांगी है।
मदद पहुंचाने में प्रवासी छत्तीसगढ़िया भी सक्रिय
यूक्रेन में फंसे विद्यार्थियों को तक मदद पहुंचाने के लिए अमेरिका और यूरोप में रह रहे प्रवासी छत्तीसगढ़िया भी सक्रिय हो गए हैं। प्रवासी छत्तीसगढ़ियों के संगठन NACHA ने यूक्रेन में रह रहे छत्तीसगढ़ मूल के लोगों के वॉट्सएप और टेलिग्राम ग्रुप में एक मैसेज साझा किया है। उन लोगों ने गुगल डॉक्यूमेंट के जरिए फंसे हुए विद्यार्थियों का ब्यौरा मांगा है। कहा जा रहा है, शुक्रवार सुबह तक वे यह पूरा ब्यौरा छत्तीसगढ़ सरकार और भारतीय विदेश मंत्रालय को उपलब्ध कराएंगे।
पोलैंड, हंगरी के जमीनी रास्ते से निकालने की योजना
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया, विदेश मंत्रालय यू्क्रेन में फंसे भारतीय विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए जमीनी रास्ते की योजना पर काम शुरू कर दिया है। पोलैंड, हंगरी, मोलदोवा और रोमानिया के रास्ते विद्यार्थियों और दूसरे नागरिकों को वापस लाने की योजना है। इस योजना पर संबंधित देशों में स्थित भारतीय दूतावास भी सक्रिय हो गए हैं। फिलहाल हंगरी और पोलैंड के दूतावासों ने भारतीयों से इस योजना की जानकारी साझा की है। इन रास्तों से वापस आना चाह रहे लोगों से लोगों का ब्यौरा मांगा है। उनके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।