अंतिम संस्कार के लिए भी नहीं मिला पाया शव, ऐसे हुई युवक की मौत

कुकदूर थाना क्षेत्र के एक बैगा युवक की कर्नाटक के मैसूर में बोरवेल गाड़ी के नीचे दबने से मौत हो गई। दुर्भाग्य है कि मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए पीड़ित परिजन को उसका शव तक नसीब नहीं हुआ। पीड़ित परिजन ने थाने पहुंचकर मामले की शिकायत की है। साथ ही जिस एजेंट ने मृतक को काम के लिए मैसूर भेजा था, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
पीड़ित परिजन सुखीराम बैगा ग्राम कांदावानी कानाखैरो का रहने वाला है। बताया कि उसका भाई बुध सिंह बैगा अपने परिवार समेत अपने ससुराल डेंगुरजाम गया था। वहां पर वह बोर गाड़ी के एजेंट हरिश कुमार धुर्वे निवासी अमनिया के संपर्क में आया।
आरोप है कि दो महीने पहले एजेंट हरिश कुमार ने बुध सिंह को बोर गाड़ी में मजदूरी कराने कर्नाटक के मैसूर ले गया गया था। सप्ताहभर पहले ही जिस बोर गाड़ी में बुध सिंह काम करता था, उसी के नीचे दबकर उसके मौत होने की खबर आई। पीड़ित परिजन उसका अंतिम संस्कार करना चाहते हैं। लेकिन बुध सिंह का शव पीड़ित परिजन को अब तक नहीं मिला है। इसे लेकर पीड़ित परिजन ने थाने में शिकायत कर न्याय किए जाने की मांग की है।
वनांचल में एजेंट सक्रिय जो बैगाओं को काम के बहाने दीगर राज्य भेज रहे
पंडरिया ब्लॉक के वनांचल इलाके में कई ऐसे एजेंट सक्रिय हैं, जो स्थानीय बैगा-आदिवासियों को रोजगार के बहार दीगर राज्यों में भेजते हैं। कमीशन के तौर पर मौटी रकम मिलने से ये भोलेभाले ग्रामीणों को फांसते हैं। हाल ही में महाराष्ट्र के अकोला में बंधक बने पंडरीपानी गांव के 13 बैगा-आदिवासियों को वापस लाया गया था, जिन्हें एक एजेंट ने मिर्ची तोड़ाई का झांसा देकर दूसरे राज्य भेजा था। इससे पहले भी वर्ष 2018 में पलायन किए 30 श्रमिक आंध्रप्रदेश में बंधक रह चुके हैं।