बिलासपुर जिला

अटल यूनिवर्सिटी के बाहर NSUI का हंगामा:लॉ स्टूडेंट्स के ऑफलाइन परीक्षा का विरोध, जमकर की नारेबाजी; कुलपति बोले-छात्रहित में लेंगे फैसला

बिलासपुर में लॉ के स्टूडेंट्स की ऑफलाइन परीक्षा का विरोध करते हुए NSUI ने हंगामा कर दिया। बुधवार दोपहर को NSUI ने अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी का घेराव कर जमकर नारेबाजी भी की है। इस दौरान छात्र नेताओं ने कहा कि यूनवर्सिटी की लेटलतीफी के चलते छात्रों का एक सेमेस्टर पहले से लेट हो गया है। ऐसे में जल्दी परीक्षाएं लेने अगला सेमेस्टर शुरू करने की आवश्यकता है। छात्रों ने कुलपति को ज्ञापन सौंपकर ऑनलाइन परीक्षाएं लेने की मांग की। यूनिवर्सिट के कुलपति आचार्य एडीएन वाजपेयी ने दूसरे यूनविर्सटी की तरह छात्र हित में निर्णय लेने का भरोसा दिलाया है।

NSUI के पदाधकारियों ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी के अधीन छह लॉ कॉलेज संचालित हैं, जहां तकरीबन 2000 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। पिछले दो साल से कोरोना के चलते कॉलेजों में ठीक से क्लासेस नहीं हुई है। इधर, यूनिवर्सिटी की लेट लतीफी और परीक्षा की तैयारी नहीं हो पाने के कारण उनका एक सेमेस्टर पिछड़ गया है। ऐसे में जल्दी परीक्षा कार्यक्रम जारी कर सेमेस्टर को शेड्यूल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कुलपति को ज्ञापन सौंपकर ऑफलाइन के बजाए ऑनलाइन परीक्षाएं लेने की मांग की है। घेराव करने वालों में NSUI के जिलाध्यक्ष तनमीत छाबड़ा, प्रदेश सचिव लक्की मिश्रा एवं जिला सचिव अमितेष शुक्ला सहित छात्र-छात्राएं शामिल थे।

 छात्र नेता बोले- दूसरे यूनिवर्सिटी की तरह हो परीक्षाएं
NSUI के जिलाध्यक्ष तनमीत छाबड़ा ने कहा कि प्रदेश के दूसरे यूनिवर्सिटी रविशंकर और नंदकुमार पटेल यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन परीक्षाएं लेने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। ऐसे में यहां भी ऑनलाइन परीक्षाएं मार्च में कराई जाएगी। ऑफलाइन परीक्षा की तैयारी में यूनिवर्सिटी लेट कर रहा है, जिसके कारण छात्रों का सेमेस्टर पिछड़ गया है।

कुलपति वाजपेयी बोले-छात्र हित में लेंगे निर्णय
कुलपति आचार्य एडीएन वाजपेयी ने कहा कि यूनिवर्सिटी से संबंद्ध कॉलेज के विद्यार्थी आए थे। ऑनलाइन परीक्षा से क्वालिटी मेंटन नहीं हो पा रही है। लेकिन, फिर भी कोरोना काल में विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। कॉलेजों में भी ठीक से पढ़ाई नहीं हो पाई है। ऐसे छात्र हित को देखना जरूरी है। शासन के मार्गदर्शन और दूसरे यूनिवर्सिटी से क्या प्रक्रिया अपनाई है। उसके आधार पर ही छात्र हित में निर्णय लिया जाएगा।

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