कबीरधाम विशेषछत्तीसगढ़ स्पेशल

कवर्धा : शराब की अवैध बिक्री को रोक:शराब चीज ही ऐसी है… जिले में 8 नई दुकान खोलने की तैयारी, सरकारी ठेके के लिए गांवों में ढूंढ रहे ठिकाना

शराबबंदी के दावों के बीच अब शराब बिक्री से मिलने वाले रेवेन्यू (राजस्व) को बढ़ाने के लिए आबकारी विभाग बेचैन है। यही वजह है कि कबीरधाम जिले में 8 नई शराब दुकानें खोलने की तैयारी की जा रही है। प्रस्तावित सरकारी ठेकों के लिए गांवों में ठिकाना ढूंढा जा रहा है। इसका सीधा मतलब शराबबंदी नहीं होगी, शराब बिकती रहेगी।

खास बात यह है कि नई शराब दुकानें खोलने के पीछे की मंशा शराब की अवैध बिक्री को रोकना है। यही कारण है कि आबकारी के नुमाइंदे नई दुकानों के लिए ऐसी जगह तलाश रहे हैं, जहां ग्रामीण क्षेत्र आता हो। साथ ही पहले से संचालित दुकानों के बीच अंतराल भी देखा जा रहा है। मसलन कवर्धा शहर से सहसपुर लोहारा की दूरी लगभग 22 किलोमीटर है। इस बीच ऐसी जगह ढूंढ रहे हैं, जहां नई शराब दुकान खोल सकें। हालांकि, आबकारी के आला अधिकारी इस मामले में ज्यादा कुछ कहने से बच रहे हैं। क्योंकि इससे विरोध का डर भी बना हुआ है।

शराब की अवैध बिक्री पर लगाम कसने कर रहे यह पहल
बताया जा रहा है कि शराब की अवैध बिक्री को रोकने के लिए नई शराब दुकानें खोला जाना है। आबकारी विभाग का मानना है कि शराब की अवैध बिक्री होने से सरकारी दुकानों में इसकी खपत नहीं बढ़ पा रही है। अगर दुकानों के बीच निर्धारित अंतराल में दुकानें खोल दी जाए, तो इससे शराब की अवैध बिक्री पर लगाम कसा जा सकेगा। कोचियों की सक्रियता भी बंद होगी, वहीं दुकानों में बिक्री से राजस्व बढ़ेगा। जिला आबकारी अधिकारी जीपीएस दर्दी का कहना है कि नई दुकानें खोलना अभी पूरी तरह से तय नहीं है।

दुकान खोलने पंचायत से एनओसी लेना है जरूरी
शराब दुकान के लिए ग्रामीण क्षेत्र में जगह की तलाश की जा रही है। लेकिन दुकान के लिए सम्बंधित पंचायत से एनओसी लेना जरुरी है। नई दुकानें खोलना अफसरों के लिए आसान नहीं होगा। विरोध का सामना करना पड़ सकता है।

रेवेन्यू बढ़ाने शराब दुकानों को सड़क पर ले आए
शराब बिक्री से रेवेन्यू बढ़ाने को लेकर शराब दुकानों को सड़क पर ले आए हैं। कबीरधाम जिले में पंडरिया का शराब दुकान, जो पहले बैराग पारा में था, उसे कुकदूर- बजाग (मप्र) मुख्यमार्ग पर ले आए। फिर कवर्धा शहर के खुंटू रोड स्थित शराब दुकान को नंदी विहार कॉलोनी के पास नेशनल हाईवे किनारे ले आए। रेवेन्यू बढ़ाने एक साल पहले ही कवायद शुरू हो गई थी। कुई, कोदवा, रेंगाखार, पोंडी और इंदौरी में जहां पहले सिर्फ देशी शराब मिलती थी, वहां अब एक ही काउंटर पर अंग्रेजी शराब भी बेची जा रही है।

4 साल में शराब की बिक्री प्रतिमाह 3 करोड़ रुपए बढ़ी
जिले में बीते 4 साल में शराब की बिक्री प्रतिमाह 3 करोड़ रु. तक बढ़ी है। वर्ष 2017 में जब छग सरकार ने शराब ठेके हाथ में लिया, तब कवर्धा में हर माह 10 करोड़ रु. की शराब बिकती थी। उस समय 28 शराब दुकानें थी। अभी 23 दुकानों में हर महीने 13 से 14 करोड़ रु. से अधिक की शराब खपत हो रही है। जिले में कुल 23 शराब दुकानें हैं, जिसमें देशी व अंग्रेजी की 9-9 दुकानें व 5 कंपोजिट शॉप हैं।​​​​​​​

इधर कह रहे नशामुक्ति अभियान के लिए बजट नहीं है
नशामुक्ति अभियान के लिए 300 से ज्यादा गांवों में भारतमाता वाहिनी का गठन किया गया था। वाहिनी में महिलाओं को जोड़कर गांवों में रैली व अन्य कार्यक्रमों के जरिए नशामुक्ति के लिए अवेयरनेस लाना था। पूर्व में भारतमाता वाहिनी आबकारी विभाग के पास थी। बीते साल भारतमाता वाहिनी समाज कल्याण विभाग को हैंडओवर कर दिया गया। हैंडओवर हुए 7 से 8 महीने हो गए, लेकिन नशामुक्ति अभियान चलाने बजट के नाम पर एक रुपए भी नहीं मिला है। समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक हरीश सक्सेना का कहना है कि भारतमाता वाहिनी को हैंडओवर ले लिया है। जल्द ही इसके लिए बजट मिलने की उम्मीद है।​​​​​​​

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