कंपनियों से टैक्स वसूलने की तैयारी में चरोदा निगम हथखोज इंडस्ट्रियल एरिया की 173 कंपनियों की बनाई लिस्ट, टैक्स नहीं देने पर होगी कुर्की
तीन चरोदा नगर निगम के नए महापौर निर्मल कोसरे निगम की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं। उनका दावा है कि आने वाले समय में चरौदा नगर निगम छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे धनाढ्य निगम होगा। इसके लिए वो हथखोज इंडस्ट्रियल एरिया में संचालित सभी 173 कंपनियों से टैक्स वसूली करवाएंगे। जो भी कंपनी टैक्स नहीं देगी उसके खिलाफ निगम एक्ट के तहत कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।
जिस भिलाई तीन चरोदा नगर निगम के पास अभी तक कर्मचारियों को वेतन देने तक का बजट नहीं था वह आखिर कैसे सबसे धनाढ्य हो जाएगा। इस सवाल का जवाब महापौर निर्मल कोसरे ने बड़े ही सहज अंदाज में दिया। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट नगर हथखोज का क्षेत्र उनके निगम की सीमा में आता है। वहां कुल 173 कंपनियां संचालित हैं। इनके द्वारा निगम को टैक्स नहीं दिया जा रहा था। इनसे टैक्स की वसूली के लिए उन्होंने एक महिला और तीन पुरुष अधिकारियों कर्मचारियों को मिलाकर एक टीम तैयार की है।
यह टीम इन सभी 173 कंपनियों में बारी-बारी से विजिट करेगी और उन्हें टैक्स जमा करने के लिए नोटिस देगी। दो से तीन बार नोटिस देने के बाद भी अगर कंपनी संचालक टैक्स नहीं जमा करता तो उसके खिलाफ निगम एक्ट के तहत कुर्की तक की कार्रवाई की जाएगी। इन कंपनियों और अन्य जगहों से आने वाले टैक्स का राजस्व इतना हो जाएगा कि नगर निगम भिलाई तीन चरोदा को संचालित करने के लिए राज्य सरकार पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। चरोदा निगम छत्तीसगढ़ का नंबर वन निगम बनेगा।
निगम के सफाई कर्मियों को दो महीने से नहीं मिला वेतन
निगम महापौर कोसरे ने बताया कि जब उन्होंने निगम का कार्यभार संभाला तो यहां की माली हालत बदतर थी। यहां के कर्ताधर्ता सारा धन अपनी सुख सुविधाओं पर खर्च करते थे। हालत यह थी कि निगम के सफाई कर्मियों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है। इसीलिए जब MIC में मेयर के लिए नए वाहन का प्रस्ताव आया तो उसे लेने से मना कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले सफाईकर्मियों को उनका वेतन दो। सफाईकर्मी ही निगम की रीढ़ हैं।
आने वाले समय में 1-15 तारीख के बीच मिल जाएगी वेतन
महापौर ने बताया कि वह निगम की हर एक व्यवस्था सुदृढ़ करने में लगे हैं। मार्च 2022 से निगम में वेतन को लेकर एक नहीं व्यवस्था लागू होने वाली है। निगम का चाहे रेगुलर कर्मचारी हो या फिर संविदा और ठेका। उनकी वेतन 1-15 तारीख के बीच उनके बैंक खातों में पहुंच जाएगी।