स्वास्थ्य विभाग में अटैचमेंट का खेल डॉक्टर से चौकीदार तक अटैच; स्वास्थ्य सचिव का आदेश, विधायक का पत्र, फिर भी कर्मचारी रिलीव नहीं
स्वास्थ्य विभाग में अटैचमेंट का खेल चल रहा है। स्वास्थ्य सचिव ने कलेक्टर को अटैचमेंट समाप्त करने का आदेश दिया है। वहीं, कोटा विधायक डॉ. रेणु जोगी ने भी कलेक्टर को पत्र लिखकर अपने क्षेत्र को मूल जगह पर पदस्थ करने कहा है। इसके बाद भी अब तक कर्मचारी अटैचमेंट में जमे हुए हैं और उन्हें रिलीव नहीं किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग में अटैचमेंट की शिकायत मंत्रालय तक पहुंच गई थी। इस पर स्वास्थ्य सचिव ने कलेक्टर को आदेश जारी कर अटैचमेंट निरस्त करने कहा था। इधर कोटा विधायक डॉ. रेणु जोगी ने भी कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर को 28 जनवरी को पत्र लिखकर CMHO ऑफिस और जिला अस्पताल सहित अन्य जगहों पर अटैच कर्मचारियों को कार्यमुक्त कर उनके मूल जगह पर पदस्थ करने की मांग की है। उन्होंने रतनपुर और जाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ की कमी का उल्लेख करते हुए कर्मचारियों अटैचमेंट आदेश निरस्त करने कहा है।
विधायक बोलीं- चौकीदार को अटैच करने का क्या मतलब
विधायक के पत्र लिखने के सात दिन बाद भी किसी कर्मचारियों को रिलीव नहीं किया गया है। डॉ. रेणु जोगी ने कहा जरूरत के मुताबिक डॉक्टर और नर्स को अटैच करना समझ में आता है। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग में चौकीदार को अटैच करने का क्या मतलब है। उन्होंने बताया कि रतनपुर, जाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहले से ही स्टाफ की कमी है। इसके बावजूद यहां के कर्मचारियों को CMHO ऑफिस में अटैच कर दिया गया है।
स्टाफ की कमी से परेशान हो रहे ग्रामीण
उन्होंने बताया कि अस्पताल में स्टाफ नहीं होने की समस्या को लेकर क्षेत्र के लोग तीन बार आ चुके हैं। आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को छोटी-छोटी बीमारी का इलाज कराने के लिए CIMS और जिला अस्पताल में भटकना पड़ता है।
कलेक्टर ने भी नहीं दिया ध्यान
विधायक डॉ.रेणु जोगी ने बताया कि तीन बार CMHO को बोलने के बाद भी कर्मचारियों को रिलीव नहीं किया गया। आखिरकार उन्हें कलेक्टर को पत्र लिखना पड़ा। इसके बाद भी अभी तक कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर भी स्वास्थ्य विभाग के इस कारनामों को पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने 9 कर्मचारियों का अटैचमेंट किया है निरस्त
स्वास्थ्य सचिव ने हाल ही में CMHO ऑफिस के साथ ही जिला अस्पताल और अन्य जगहों में पदस्थ 9 कर्मचारियों का अटैचमेंट निरस्त कर उन्हें उनके मूल जगह पर पदस्थ करने का आदेश दिया है। लेकिन, उनके आदेश के बाद भी CMHO डॉ. प्रमोद महाजन ने इन कर्मचारियों को रिलीव नहीं किया है।