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NEET काउंसिलिंग के नियमों में उलझे छात्र:MBBS-BDS की 27 से काउंसिलिंग; फ्री एक्जिट का विकल्प, शासकीय कॉलेज में ज्वाइन नहीं करने पर पात्रता समाप्त

छत्तीसगढ़ के सरकारी और निजी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों के MBBS-BDS पाठ्यक्रम में प्रवेश की प्रक्रिया 19 जनवरी से शुरू हो चुकी है। पहली काउंसिलिंग 27 जनवरी से शुरू होगी। इस बीच चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के काउंसिलिंग नियमों ने विद्यार्थियों को उलझा दिया है।

काउंसिलिंग के लिए जारी नोटिस के पृष्ठ-3 पर पहले दौर में फ्री एग्जिट का प्रावधान है। उसी नोटिस में पृष्ठ-10 की धारा 10 में कहा गया है, अगर किसी को शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय मिलता है और वह ज्वाइन नहीं करता है तो उसे काउंसिलिंग से बाहर कर दिया जाएगा और उस की पात्रता समाप्त हो जाएगी। नियमों में विरोधाभास की वजह से अभ्यर्थी और उनके अभिभावक दोनों परेशान हैं।छात्रों का कहना है कि एक और नियम उनकी परेशानी का कारण बना हुआ है। नियम-7 के मुताबिक पहले प्रदेश की मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी उसके बाद अभ्यर्थियों से उनके पसंद के विकल्प चुनने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके उलट मेरिट जारी होने से पहले ही अभ्यर्थियों को विकल्प चुनने के लिए बाध्य किया गया है। विकल्प चुनने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी करनी थी। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों का कहना है, सब कुछ नियमों के मुताबिक ही किया जा रहा है। पिछले साल भी यही प्रक्रिया अपनाई गई थी।

22 जनवरी को जारी हुई मेरिट

चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने विकल्पों को लॉक करने की ऑनलाइन प्रक्रिया 19 – 20 जनवरी को शुरू की। लेकिन प्रदेश की मेरिट सूची 22 जनवरी को जारी हुई। इस बीच अभ्यर्थियों को बाध्य किया गया कि वे अपनी रैंकिंग जाने बिना कॉलेज चुन लें। ऐसे में पसंद न आने पर वे कोई सरकारी कॉलेज छोड़ते हैं तो उन पर काउंसिलिंग से बाहर हो जाने का खतरा होगा।

10 कॉलेजों में प्रवेश की जद्दोजहद

इस बार प्रदेश में सात सरकारी और तीन निजी मेडिकल कॉलेजों में MBBS के प्रवेश के लिए काउंसिलिंग हो रही है। एक सरकारी और पांच निजी डेंटल कॉलेजों के लिए भी प्रवेश होगा।

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