जनसंचार से जनसेवा तक—धनंजय राठौर को मिला सामाजिक समरसता का सर्वोच्च सम्मान

समर्पण और संवेदनशीलता का सम्मान: धनंजय राठौर को राज्य स्तरीय ‘सामाजिक प्रतिभा सम्मान’
रायपुर। प्रांतीय समाज गौरव विकास समिति, रायपुर (छत्तीसगढ़) द्वारा आयोजित त्रयोदश राज्य स्तरीय सामाजिक प्रतिभा सम्मान समारोह में इस वर्ष प्रशासनिक सेवाओं के विशिष्ट व्यक्तित्व धनंजय राठौर को सामाजिक समरसता सम्मान से अलंकृत किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल तथा विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त अपर कलेक्टर रायपुर नोहर राम साहू थे। कार्यक्रम का सफल संचालन समिति अध्यक्ष डॉ. सुखदेव राम साहू सरस ने किया।
मुख्य अतिथि डॉ. चंदेल ने कहा कि श्री राठौर की इतिहास, संस्कृति, कला और साहित्य के क्षेत्र में निरंतर सक्रियता और उपलब्धियाँ अत्यंत प्रेरणादायक हैं। उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। यहाँ अनेक ऐसे व्यक्तित्व हैं जो बिना प्रचार-प्रसार के उत्कृष्ट कार्य करते हुए राज्य और देश का मान बढ़ा रहे हैं।”
उत्कृष्ट प्रशासनिक दक्षता के लिए सम्मानित
धनंजय राठौर वर्तमान में जनसंपर्क विभाग में संयुक्त संचालक के रूप में कार्यरत हैं। जनसंचार क्षेत्र में प्रभावी नेतृत्व, प्रशासनिक पारदर्शिता और राष्ट्रीय–अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में रिसोर्स पर्सन के रूप में महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया।
विशिष्ट अतिथि नोहर राम साहू ने राठौर के शिक्षा, संस्कृति, आदिवासी परंपरा तथा छत्तीसगढ़ी संस्कृति के संरक्षण में किए गए योगदान की सराहना की।
बहुआयामी शिक्षा व शोध की साधना
1 जुलाई 1965 को जांजगीर में जन्मे राठौर ने इतिहास, दर्शनशास्त्र एवं समाजशास्त्र में एम.ए., पर्यटन में डिप्लोमा, बी.जे.एम.सी., एम.फिल. सहित अनेक शैक्षणिक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उन्होंने आदिवासी जीवन, संस्कृति और परंपराओं पर कई शोध-पत्र प्रस्तुत किए हैं।
प्रशासनिक कार्यकाल की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ
राठौर के प्रशासनिक सफर में अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ शामिल हैं—
दिल्ली गणतंत्र दिवस पर छत्तीसगढ़ की झांकी का तीन बार विजेता दल के रूप में नेतृत्व
छह अवसरों पर प्रधानमंत्री के राज्य आगमन पर राज्य स्तरीय मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी
भोरमदेव महोत्सव, रायगढ़ व राजनांदगाँव जिलों में विकास पुस्तिकाओं का प्रकाशन
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 पर महत्त्वपूर्ण निर्णयों का एकीकृत प्रकाशन, जिसके लिए राज्यपाल द्वारा सम्मानित
इतिहास एवं समाज विषयक 19 शोध लेखों सहित सतत लेखन
रचनात्मक, संवेदनशील और सामाजिक सरोकारों से जुड़ा व्यक्तित्व
राठौर इतिहास, संस्कृति, कला और साहित्य पर निरंतर लेखन करते हैं। समाज के निर्धन, प्रतिभाशाली एवं जरूरतमंद बच्चों को प्रेरित करने, सहायता प्रदान करने तथा गरीब कन्याओं के विवाह में सहयोग जैसे कार्य उनके सामाजिक सरोकारों को दर्शाते हैं।
सामाजिक समरसता सम्मान से अलंकृत
समारोह में अतिथियों ने धनंजय राठौर को शाल, प्रशस्ति-पत्र और स्मृति-चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। यह सम्मान सामाजिक एकता, भाईचारा और सद्भाव को बढ़ावा देने में उनके योगदान की महत्वपूर्ण स्वीकृति है।
युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा
धनंजय राठौर की ज्ञानसम्पन्नता, कार्यनिष्ठा, नेतृत्व क्षमता और समाज के प्रति संवेदनशीलता उन्हें युवाओं और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए प्रेरणास्रोत बनाती है।



