Bijapur Naxal Encounter: कांगेर घाटी में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, 1 माओवादी ढेर, हथियार बरामद

बीजापुर, छत्तीसगढ़।
कोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर में मंगलवार सुबह से सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच भारी मुठभेड़ जारी है। यह मुठभेड़ कांगेर वैली नेशनल पार्क के सघन जंगलों में हो रही है, जहां DRG, कोबरा और STF की संयुक्त टीम ने एक माओवादी को मार गिराया है। मौके से एक ऑटोमेटिक राइफल भी बरामद की गई है।
सूत्रों के अनुसार, जंगल में रुक-रुक कर फायरिंग जारी है और मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ सकती है। घटनास्थल पर जवानों की भारी तैनाती है, जबकि पुलिस अधीक्षक कार्यालय में डीआईजी कमलोचन कश्यप, डीआईजी सीआरपीएफ और अन्य अधिकारी ऑपरेशन पर लगातार निगरानी रखे हुए हैं।
बस्तर IG ने दिया था आत्मसमर्पण का आखिरी मौका
मुठभेड़ से कुछ ही दिन पहले, 29 मई को बस्तर आईजी ने नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने की अंतिम चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि चाहे हिडमा हो, सोनू, सुजाता या रामचंद्र रेड्डी – सभी बड़े माओवादी नेताओं को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का आखिरी मौका दिया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि अब भी हिंसा नहीं छोड़ी गई, तो उनका अंत तय है।
IG ने दावा किया था कि 2024-2025 के केवल 16 महीनों में अब तक 1400 से अधिक माओवादी कैडर आत्मसमर्पण कर चुके हैं। कई वरिष्ठ नक्सली नेता संगठन छोड़ने के लिए तैयार हैं और पुलिस उनसे संपर्क में है। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षाबलों के पास अधिकांश शीर्ष माओवादियों की सटीक लोकेशन की जानकारी है।
ऑपरेशन की रणनीति: आत्मसमर्पण का प्रस्ताव और फिर कार्रवाई
बीजापुर की इस मुठभेड़ को हालिया आत्मसमर्पण प्रस्ताव और सुरक्षा बलों की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि पुलिस को पहले से ही सटीक खुफिया सूचना थी, जिसके बाद यह ऑपरेशन शुरू किया गया। हालांकि पुलिस की ओर से अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
सुरक्षाबलों को मिल रही लगातार सफलता
बीते कुछ महीनों में छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने नक्सल प्रभावित इलाकों में कई सफल ऑपरेशन चलाए हैं। बढ़ती दबिश और आत्मसमर्पण की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की नीति असर दिखा रही है।