आत्मसमर्पण के लिए नक्सलियों से मांगा जा रहा सुझाव, उन्हें मुख्यधारा में आने के लिए क्या चाहिए?
तहलका न्यूज जगदलपुर// छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के लिए आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति को अपग्रेड करने की पहल शुरू की गई है। इसके लिए मिल आईडी व गूगल फॉर्म भी गृह मंत्रालय ने जारी कर दिया है। जगदलपुर पहुंचे उप मुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार आत्मसमर्पण व विजय शर्मा पुनर्वास नीति को अपग्रेड करेगी। इसके लिए सभी वर्गों से सुझाव मांगे जाएंगे। देश में ऐसा पहली बार हो रहा है अब नक्सलियों से आत्मसमर्पण के लिए उनसे ही भुझाव मांगा जा रहा है कि आत्मसमर्पण के बाद उन्हें क्या सुविधाएं चाहिए।
डिप्टी सीएम ने कहा कि हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति के रास्ते पर आने के लिए नक्सली कैसा पुनर्वास चाहते हैं, वो खुद हमें फॉर्म के जरिये बता दें। इसलिए ईमेल आईडी व क्यूआर कोड वाला गुगल फॉर्म सार्वजनिक किया है। इसमें नक्सली भी सरकार को सुझाव दे सकेंगे कि उन्हें पुनर्वास नीति में क्या चाहिए।
अभी की सरेंडर नीति में बड़े नक्सली नहीं कर रहे सरेंडर
बस्तर संभाग सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित है। नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए छत्तीसगढ़ में सरेंडर नीति है, लेकिन यह बड़े नक्सलियों को लुभा नहीं पा रही है। तीन सालों में बस्तर में 1000 नक्सलियों ने सरेंडर किया। वर्ष 2020 में 342, 2021 में 550, 2022 में 200 और इतने ही नक्सलियों ने 2023 में भी सरेंडर किया, लेकिन इनमें एक भी बड़े नक्सलियों का नाम शामिल नहीं था।