पुलिस ने नशे में वाहन चलाने वालों को सख्ती से को सिखाया सबक, इस सख्ती से सड़क हादसों में भी 2 Percent की हुई कमी!
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तीन माह में नशे में वाहन चला रहे 819 के लाइसेंस निरस्त,
तहलका न्यूज रायपुर// नशे में गाड़ी चलाने वालों से इस साल सख्ती से निपटा जा रहा है। पिछले साल 2023 में 610 लोगों पर कार्रवाई की गई थी। लेकिन 2024 में केवल तीन महीने में ही अब तक 819 से ज्यादा लोगों पर कार्रवाई कर मोटा जुर्माना वसूला गया है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब इतनी बड़ी संख्या में एक साथ इन सभी लोगों के लाइसेंस भी निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। ट्रैफिक पुलिस की इस सख्ती से सड़क हादसों में भी 2 फीसदी की कमी आ गई है। इतना ही नहीं हादसों में मरने वालों की संख्या भी लगातार कम हो रही है। नशे में गाड़ी चलाने वालों की जांच पिछले साल तक वीकएंड पर ही यानी शनिवार-रविवार को ही होती थी। लेकिन अब सोमवार से शुक्रवार तक रोजाना शाम 6 से रात 11 बजे तक इसकी जांच हो रही है। इतना ही नहीं वीकएंड पर यह जांच 2 बजे तक की जा रही है। इस वजह से भी नशे में गाड़ी चलाने वाले फंस रहे हैं। शहर के एंट्री प्वाइंट तेलीबांधा, पंडरी, भनपुरी, टाटीबंध, पचपेड़ीनाका में थानों की पुलिस के साथ मिलकर इस जांच को किया जा रहा है। जांच के दौरान डीएसपी रैंक के अधिकारी भी मौजूद रहते है। इससे बहसबाजी या राजनेताओं की धौंस दिखाने वालों से भी सख्ती से निपटा जा रहा है।
माता-पिता की लापरवाही भी सामने आई, बच्चों को दे रहे हाईस्पीड गाडियां
पुलिस की जांच के दौरान चौंकाने वाली बात सामने आई है कि नाबालिग भी बड़ी संख्या में नशे में गाड़ी चला रहे हैं। इतना ही नहीं नशे में वे हाईस्पीड बाइक चला रहे हैं। इससे हादसों की संभावना और बढ़ जाती है। ऐसे नाबालिगों की जांच जब मशीन से की जाती है तो वे नशे में होते हैं। इसमें माता-पिता की लापरवाही भी सामने आती है। वे बिना लाइसेंस और रोक-टोक के महंगी गाड़ियां चलाने दे देते हैं। सिर्फ बाइक या कार ही नहीं नाबालिग लग्जरी हाईस्पीड गा ड़ियां भी नशे में चलाते हैं। कई बार यही नाबालिग जांच के दौरान पुलिसवालों से भी उलझ भी जाते हैं। कई बार इसकी वीडियो भी वायरल हो चुका है। सबसे ज्यादा विवाद वीआईपी तिराहा, तेलीबांधा, नवा रायपुर और सड्डू रोड पर होता है। विवाद करने वालों में ज्यादातर रसूखदार या पैसे वालों के घरों के होते हैं।
पिछले साल हादसों में 510 मौतें
पिछले साल 2023 में 1990 सड़क हादसों में 510 लोगों की जान गई। इस साल जनवरी से मार्च तक तीन माह में 550 हादसे हुए जिसमें 138 लोगों की जान गई है। घायलों की संख्या में भी कमी आई है। पुलिस का दावा है कि अगले 9 माह और सख्ती की जाएगी। तीन माह के भीतर ही नशे में गाड़ी चलाने वाले 126 लोगों का लाइसेंस निलंबित करने के लिए आरटीओ भेजा गया है। इसमें 40 फीसदी लोगों का लाइसेंस तीन माह के लिए निलंबित भी किया गया है। गौरतलब है कि 2023 में 167 और 2022 में 51 लोगों का लाइसेंस निलंबित किया गया था। सड़क हादसों में भारी कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है। इन हादसों में लोगों की जान बचाना सबसे बड़ी चुनौती रहेगी।
एक्सीडेंट की प्रमुख वजह ही नशा
पुलिस की ओर से हाल ही में किए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि सड़क हादसे की प्रमुख वजह नशा ही है। नशे में ड्राइविंग करते समय लोग गाड़ी में नियंत्रण नहीं रख पाते हैं। सड़क से ध्यान भी हट जाता है। इस वजह से हादसे होते हैं।
गाड़ी कभी डिवाइडर पर चढ़ जाती है या कई बार खड़ी गाड़ी से भी टकरा जाते हैं। नशे में गाड़ी चलाने वालों की स्पीड भी बहुत ज्यादा होती है। इस वजह से उनका गाड़ी में कंट्रोल ही नहीं होता है। इन हादसों को रोकने के लिए पुलिस वाले नशे में गाड़ी चलाने वालों पर ज्यादा कार्रवाई कर रही है। नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। ड्रंकन एंड ड्राइविंग में 819 लोगों पर कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही अब तक कोटपा में 787 और नशीले पदार्थ की तस्करी में 127 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें 187 को जेल भेजा गया।