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Kawardha: सिंचाई विभाग का मामला:  विभाग की लापरवाही के चलते निर्माण कार्य अपूर्ण, किसानों को नहर परियोजना से कोई लाभ नही, जिला अधिकारी AC में आराम फरमाने में मस्त..खेत सूखा पड़ा…चिंता में डूबा किसान

सिंचाई विभाग के गड़बड़ी से पंडरिया क्षेत्र के सभी नहर नाली अपूर्ण,सिंचाई से वंचित किसान,चिंता जनक मामला

कबीरधाम। उपमुख्यमंत्री के गृह जिले में अधिकारी Ac में आराम फरमा रहे हैं, किसान चिंता में डूबे हुए हैं,निष्क्रिय जिला जल संसाधन अधिकारी के चलते किसानों को लाखों का नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।इसका जवाब देहि किसकी होगी?  किसी भी देश का विकास वहां की मजबूत अर्थव्यवस्था पर निर्भर करता है।जिस देश की अर्थव्यवस्था जितनी मजबूत होगी देश उतना ही विकास की राह पर तेज गति से विकास करता है और देश के विकास में कृषि, उद्योग , उत्पादन क्षमता, सिंचाई, बिजली,शिक्षा , स्वास्थ्य, सड़क का अहम योगदान होता है लेकिन कवर्धा जिले के पंडरिया क्षेत्र में बहने वाली‌ जीवन दायिनी हाफ़ और आगर नदी पंडरिया की मुख्य नदी‌ है ये
जीवन दायिनी नदी पंडरिया तहसील के दोनों पूर्व और पश्चिम दिशा के सैकड़ों गांवों से गुजरती हैं । हाफ नदी तो कबीरधाम जिला का सबसे बड़ी नदी है जो लगभग 30 किलोमीटर क्षेत्र का सफर तय करती हुई आगे बढ़ती है ये दोनों बड़ी नदी क़ृषि भूमि की दशा और दिशा दोनों में परिवर्तन कर सकती है । लेकिन इसके लिए सरकार को इमानदारी क्षेत्र की जनता के लिए कार्य करना होगा। बीते समय इस क्षेत्र के किसानों की समस्या और गांवों में गिरते वाटर लेबल के कारण रेडजोन क्षेत्र में आने से पानी की किल्लत पंडरिया के वनांचल के अलावा मैदानी क्षेत्र में देखा गया। लेकिन पानी की समस्या अब प्रत्येक वर्ष की हो गई है। गर्मी में यह समस्या अब विकराल होते जा रहा है विशेष कर मई जुन जुलाई में पीने की पानी की समस्या से जनता को जुझना पड़ रहा है इस वर्ष भी पेयजल की आशंका साफ़ नज़र आ रहा है। क्योंकि हेन्डपंप सूखने लगें हैं टिववेल से पानी की धार कम हो गई है! इसे देखते हुए पूर्व विधायक मोतीराम चन्द्रवंशी और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह से मिलकर आगर और हाफ नदी को क्षेत्र के बांध से जोड़ते हुए नहर और नाली का विस्तार कराने सिंचाई विभाग को सर्वे कराने और प्रस्ताव प्रस्तुत कराया और उसमें स्वीकृति दिलाने पहल भी हुई इसी बीच आगर और हाफ नदी में अनेक एनीकट जिसमें दुल्लापुर लिलापुर कापादाह घोघरा डायवर्सन कुबा डायवर्सन रेगाबोड कुबा डायवर्सन जैसे अनेक स्वीकृति प्रदान कराया साथ ही नदी को बांध से जोड़ने के लिए सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया गया और सरकार इसे संज्ञान में लेते ‌हुए करोड़ों रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई। लेकिन सिंचाई विभाग की लापरवाही व उदासीनता के कारण की गई सभी पहल पर पानी फिर गया‌ और समस्या जस के तस बनी हुई है। आज भी नहर और नाली से पानी नहीं मिल रहा है। किसान बूंद बूंद के लिए तरस रहे हैं। किसी भी किसान के खेत में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के उदासीन रवैया के कारण नहर नाली का कार्य आधाअधूरा ही है । बताया जा रहा है कि विस्तार के नाम से करोड़ों रुपए सरकार स्वीकृति प्रदान करते रहा।

प्रदेश के किसानों को इस समस्या से कब‌ निजात मिलेगी?

सिंचाई विभाग स्वीकृत राशियों का बंदरबांट कर भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ाते रहे । स्वीकृत राशियों से एनीकट का निर्माण किया जा‌ रहा वह भी अधूरा है इतना ही नहीं , सिंचाई विभाग द्वारा नहर नाली बनाई गई है वह भी अधूरी है नालियों का निर्माण किया गया है उसे जानबूझकर गलत बनाई गई है यह सब देखकर ऐसा प्रतित होता है कि सिंचाई विभाग के भ्रष्ट अफसरों की सोची समझी रणनीति है इसी का परिणाम घोघरा डायवर्सन के कुबा ब्यआपवर्तन नहर नाली दसरंगपुर पलानससरी अंधियारा खोर तक नहर नाली निर्माण कर किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाना था पर आज लगभग 7 साल बाद भी नहरनाली निर्माण नहीं हो पाया है और जो कुछ निर्माण किया गया है उसमें सरकार के करोड़ों रुपया खर्च के नाम बंदरबाट कर दिया गया है इधर नहर नाली के लिए अधिग्रहित जमीन का किसानों को मुआवजा तक 7 साल में विभाग भुगतान नहीं करा पाई है चक्कर लगाते लगाते किसानों के चप्पल घीस गये पर राशि नहीं मिली अधिकारी और नेताओं से व्यथीत पीड़ित पलानसरी के किसान सुखचैन चन्द्रवंशी अपनी दर्द का ब्यान करते हुए बताया कि 7 साल में कौन से नेता के दरवाजा नहीं खटखटाया हूं और आग्रह नहीं किया हूं अधिग्रहित जमीन के मुआवजा और नहर नाली का निर्माण पूर्ण कराने पर किसी भी नेता -अधिकारी ने इसे पूरा कराने पहल नहीं किया और इस संबंध में पूछा जाता है तो अधिकारी एक ही जवाब देते हैं शीघ्र पूरा हो जायेगा साथ ही जल्द से जल्द मुआवजा देकर काम प्रारंभ किया जाएगा । अब देखना है सरकार इसे कब तक संज्ञान में लेता है।

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