संगीत विश्व विद्यालय के स्टूडेंस् ने अलग-अलग सांस्कृतिक विधा पर प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया

सरस मेला में लोक संगीत,सुगम संगीत , कत्थक, सुफी गायन और योग नृत्य का हुआ अद्भूत संगम
सरस मेला में पद्मश्री एवं इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती ममता चन्द्राकर शामिल हुई
कवर्धा, कवर्धा के पीजी कॉलेज मैदान में आयोजित सरस मेले के नौवें दिन इंदिरा कला एवं संगीत विश्व विद्यालय खैरागढ़ के छात्र-छात्राओं ने छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति और रीति-रिवाजों पर आधारित अलग-अलग विधाओं पर शानदार प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। सधे हुए बड़े कलाकारों की तरह संगीत विश्व विद्यालय के स्टूडेस् ने बिना झिछक के गीत-संगीत धून के साथ छत्तीसगढ़ की अलग-अलग विधाओं से दर्शकों को खूब मनोरंजन किया। दर्शकों ने तालियों की गढ़गढ़ाहटों से सरस मेले में आए सभी कलाकारों का उत्साह बढाया। सरस मेला के नॉवें दिन के साँस्कृतिक मंच पर छत्तीसगढ़ की लोक पारम्परिक, लोक संगीत,सुगम संगीत , कत्थक, सुफी गायन और योग नृत्य का हुआ अद्भूत संगम देखने को मिला। वही विश्व विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने छत्तीसढ़ की नाचा संस्कृति पर आधारित सीता राम ले भैया….. जाए के बेरा होगे हे सीता राम ले ले… की संगीत-गीतों के साथ सरस मेले का नौवे दिन की सांस्कृतिक आयोजन का विधिवत समापन किया।
सरस मेला का यह आयोजन छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के अथक प्रयासों और छत्तीसगढ़ शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रलाय के तत्वावधान में आयोजित हो रहा है। सरस मेला का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिले तथा देश के अलग-अलग राज्यों में काम करने वाले स्वसहायता समूहों को एक स्थान पर उनके द्वारा उत्पाद की गई सभी समाग्रियों को विक्रय के लिए एक आदर्श और सम्मान के साथ एक मंच प्रदान करना है। छत्तीसग़़ढ़ शासन द्वारा आयोजित इस सरस मेले में लगभग दौ सौ स्टॉल लगाए गए है। यह आयोजन दस दिन का था। 6 मार्च को इस सरस मेला का विविधव समापन होगा। सरस मेले में आठवें दिन तक अब तक 47 लाख रूपए से अधिक का व्यवसाय इस मेले में होनी की जानकारी दी गई है,समूहों का यह व्यवसाय अर्धशतक लाख का आकड़ा पार होने की पूरी उम्मीद जताई गई है।
कलेक्टर जनमेजय महोबे,पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव, जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल द्वारा सरस मेले में आने वाले सभी अतिथियों और कलाकारों को स्वागत और अभिनंदन किया जा रहा है। सरस मेले के नौवें दिन इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय की कुलपति तथा पद्श्री श्रीमती ममता चन्द्राकर विशेष रूप से शामिल हुई। उन्होंने सरस मेले का अवलोकन किया और नौ दिन के सभी सांस्कृतिक आयोजन को दर्शक दीर्घा में समापन तक बैठकर लोक-कलाकारों, स्कूली विद्यार्थियों और इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को मनोबल बढ़ाया।