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आखिर कब तक जनता को बेवकूफ बनाते रहेंगे, विधायक अरुण वोरा

तहलका न्यूज चैनल दुर्ग// दुर्ग शहर की जनता चाहती है कि उनके जनप्रतिनिधि उनसे सच बोले और अपने विकास कार्यों की सही रूपरेखा आम जनता के सामने रखें किंतु ऐसा अक्सर देखने में मिलता है कि विधायक अरुण वोरा के द्वारा झूठा प्रचार कर आम जनता को लगातार गुमराह किया जा रहा है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण अभी हाल ही में देखने को मिला ठगडा बांध ब्रिज के मामले में।
बता दे की ठगडा बांध ब्रिज 4.41 लाख रुपए की लागत से बना किंतु विधायक अरुण वोरा ने ठगडा बांध ब्रिज के दोनों ओर कम से कम 7‐8 पोस्टर अपने फोटो सहित लगाकर विधायक निधि से स्वीकृत भारत जोड़ो सेतु के रूप में प्रचारित करना शुरू कर दिया है, जो जानकार हैं उन्हें तो मालूम है कि ठगडा बांध ब्रिज किस निधि से बना है किंतु शहर की आम जनता जिन्हें राजनीति से कोई सरोकार नहीं उन्हें ऐसा लगता है कि विधायक निधि से यह ठगडा बांध ब्रिज निर्मित हुआ है ।
यह बता दें कि एक विधायक की प्रतिवर्ष की निधि पहले दो करोड रुपए थी, जो अब बढ़कर चार करोड़ रूपया हो गई है जिसमें से 3 करोड़ रूपया विधायक अपनी स्वेक्षा के अनुसार खर्च कर सकता है एवं एक करोड़ रूपया राशि मुख्यमंत्री की अनुशंसा के साथ खर्च कर सकता है अब अगर देखा जाए तो 4.41 लाख मतलब 4 करोड़ 41 लख रुपए की निधि आखिर अरुण वोरा कहां से लाए हैं, क्योंकि 41 करोड रुपए की निधि के लिए अरुण वोरा को कम से कम 10 साल का विधानसभा क्षेत्र का अपनी पूरी विधायक निधि लगाना पड़ेगा । आम जनता इतनी गहराइयों से नहीं जाती वह आते जाते सिर्फ साइन बोर्ड को देखकर अपने नेताओं के कार्यों का आकलन करता है, किंतु फोटो छपवाने के नाम से मशहूर विधायक अरुण वोरा ने ठगडा बांध ब्रिज के दोनों और भारत जोड़ो सेतु लिखकर विधायक निधि से स्वीकृत वाली फोटो लगाकर आम जनता को बेवकूफ बनाने का पूरा कार्य कर दिया है, क्योंकि स्पष्ट लिखी भाषा आम जनता समझ नहीं पा रही हैं, वहीं इस विधायक निधि से हुआ कार्य बता रही है। बता दें कि इस ठगडा बांध ब्रिज में पिछले साल अरुण वोरा के द्वारा बड़े जोर शोर से एलईडी लाइट लगाकर उद्घाटन किया गया था किंतु आज दुर्ग शहर की आम जनता देख सकती है की एलइडी लाइट आधे से ज्यादा बंद पड़ी है और एक बार फिर विधायक निधि की लाखों रुपए की राशि बर्बाद हो चुकी है। अब दुर्ग शहर की जनता में चर्चा का विषय यह है कि आखिर विधायक वोरा कितनी बार सच बोलते हैं और कितनी बात झूठ वैसे देखा जाए तो पिछले 5 साल में दुर्ग शहर में ऐसा कोई सराहनीय कार्य नहीं हुआ है, जिसकी उपलब्धि विधायक अरुण वोरा के द्वारा हुई हो। ऐसा बताया जा सके एक बार फिर सत्ताधारी पार्टी विधायक अरुण वोरा को प्रत्याशी बना दे किंतु पिछले 30 सालों से विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी बने विधायक अरुण द्वारा की 30 सालों में दुर्ग शहर के लिए कोई भी खास उपलब्धि शहर की जनता को नजर नहीं आ रही है अब शहर की जनता भी यही चाहती है कि चाहे किसी भी पार्टी का विधायक बने पर एक नया चेहरा बने। शहर की आम जनता में चर्चा का विषय है कि अब हमें कोई नए चेहरे का विधायक मिले ताकि कुछ नई सोच के साथ शहर का विकास हो देखने वाली बात यह है कि क्या कांग्रेस आला कमान एक बार फिर सातवीं बार भी विधायक अरुण को अपना प्रत्याशी घोषित करती है और आम जनता एक बार फिर से भुपेश सरकार के सुशासन के मजबूरी वश विधायक वोरा को ही स्वीकार करेगी। वही इस बार दुर्ग शहर में कांग्रेस के दावेदारों की सूची भी काफी लंबी हो गई है, जिससे अरुण वोरा के सर्वमान्य नेता होने पर भी विराम लग गया।

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