दुल्हन के घर बारात का इंतजार, बीच में रोकी गई शादी, जानिए पूरा मामला

कवर्धा| सिंघनपुरी जंगल थाना क्षेत्र गांव में नाबालिग लड़के की शादी कराई जा रही थी। बारात निकलने वाली थी। बैंड बाजे के शोर में बाराती नाच रहे थे। इससे पहले ही बाल संरक्षण इकाई की टीम गांव पहुंच गई। बैंड, बाजा और बारात सब कैंसिल कराते हुए बाल विवाह रुकवाने कार्रवाई की।
शिकायत पर गांव पहुंची टीम ने लड़के का उम्र सत्यापन करने के लिए उसका आधार कार्ड मंगाया। आधार कार्ड में लड़के की उम्र 21 साल 4 महीने होना पाया गया। पुष्टि के लिए टीम ने स्कूल में कक्षा 5वीं की अंकसूची (मार्कशीट) की भी जांच की, जिसमें लड़के की उम्र 17 साल 9 महीने होना पाया गया। यानी विवाह योग्य 21 वर्ष उम्र से 3 साल कम मिला।
टीम ने अंकसूची को आधार मानते हुए बाल विवाह रुकवाया। हालांकि, इस दौरान परिजन थोड़ा-बहुत विरोध किए, फिर मान गए। उधर, दुल्हन के घर बारातियों का इंतजार हो रहा था। टीम के कहने पर लड़के के पिता ने होने वाले समधी को फोन कर बोले लड़के के 21 साल होने पर ही शादी करेंगे।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी सत्यनारायण राठौर ने उपस्थित परिजन व ग्रामीणों को बाल विवाह से होने वाले दुष्प्रभाव की जानकारी दी। साथ ही बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में बताया। बताया कि 21 साल से कम उम्र के लड़के और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के विवाह को प्रतिबंधित किया गया है। ऐसा करने पर 2 साल कारावास अथवा 1 लाख रुपए तक जुर्माना हो सकता है।
दो साल में 14 नाबलिगों की शादी रुकवाई गई
बाल विवाह को रोकने जिला प्रशासन प्रयासरत है। महिला बाल विकास विभाग, पुलिस, पंचायत की संयुक्त टीम बनाई है। टीम ने पिछले दो साल में 14 नाबालिगों का विवाह रुकवाया है। सिंघनपुरी थाना क्षेत्र में नाबालिग लड़के की शादी रोकने के एक दिन पूर्व यानी 29 मार्च को बाजार चारभाठा चौकी में भी एक लड़के की शादी रुकवाई थी।