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कैंप का विरोध करने वालों पर पुलिस ने लगाई लठियां, जंगल में डेरा जाम कर बैठे गांव वाले | कैंप का विरोध करने वालों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज, ग्रामीणों ने जंगल में डाला डेरा

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बीजापुर34 मिनट पहले

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घायलों की तस्वीर जारी की गई है।  - दैनिक भास्कर

घायलों की तस्वीर जारी की गई है।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में कैंप का विरोध कर रहे हैं पर एक बार फिर से पुलिस लाठियां बरस रही हैं। कर्सर का आरोप है कि, पुलिस की इस कार्रवाई से 50 से अधिक ग्रामीण घायल हुए हैं। इनमें 18 छात्र भी शामिल हैं। गांव वालों ने घायलों की तस्वीरें भी जारी की हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि, आंदोलन स्थल से चार्ट ने गांव वालों को खदेड़ दिया है। अब ग्रामीण घर जाने की सीमा के आस-पास के जंगल में ही कहीं-कहीं डेरा जमाए बैठे हुए हैं। फिर से आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है।

दरअसल, जिले के धुर प्रभावित बुर्जी-पुसनार गांव में पुलिस कैंप के विरोध में ग्रामीण पिछले साल भर से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। गांव वालों का कहना है कि बिना ग्रामसभाओं की अनुमति के पुसनर में सुरक्षाबलों का कैंप बना दिया गया है। चौड़ी सड़कें बनाई जा रही हैं। किसानों के खेत बर्बाद हो रहे हैं। गांव वालों की मांग है कि पुसनर में जल्द से जल्द पुलिस कैंप स्थापित किया जाएगा। साथ ही क्षेत्रीय क्षेत्रों में भी निर्माण कार्य हो रहे हैं उसे भी बंद कर दिया जाएगा।

घायल ग्रामीण।

घायल ग्रामीण।

अपराधियों का मानना ​​है कि पुलिस कैंप से उनकी गलतियां और बढ़ती जाएंगी। फोर्स गांव में घुसेगी। फर्जी दावे को पकड़कर जेल में डाल दिया जाएगा। हालांकि, पक्का ने कैंप के बदले स्कूल, बेलीबाड़ी, अस्पताल बनाने की मांग की है। अफसरों का कहना है कि आंतरिक क्षेत्र में सुरक्षाबलों का कैंप बनने के बाद ही सारे विकास के काम किए जाएंगे। इस संबंध में बीजापुर एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने पिटाई करने की बात को नकारा है। उन्होंने कहा कि, ग्रामीण अब भी साथ-साथ बैठे हैं।

जंगल में मौजूद हैं ग्रामीण।

जंगल में मौजूद हैं ग्रामीण।

ऐसे हुआ धोखा

  • दिसंबर के महीने में दावों की ज्यादा भीड़ आंदोलन साइट पर जुड़ने लगी थी। विकेट ने ऐसा आरोप लगाया कि, पुलिस देर रात अचानक आंदोलन स्थल पर पहुंच गई थी। आंदोलनकारियों के तंबू को उकसाकर फेंक दिया गया था। ग्रामीणों को भी फोन किया था। एक महीने के अंदर की यह पहली घटना थी।
  • जनवरी 2023 के दूसरे सप्ताह में पुस्नर, बुर्जी, हिरोली, अन्य गांवों सहित सैकड़ों ग्रामीण फिर से राशन, झोपड़ी, नाव लेकर आंदोलन स्थल पर जाने के लिए निकले थे। लेकिन, रास्ते से ही पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया था। उस वक्त भी बयान ने तस्वीरें जारी कर पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाया था। हालांकि बीजापुर के एसपी ने पिटाई की बात को नकार दिया था।
  • दूसरी बार जब अटकेड़ा गया था तो वह घर आने की जगह के जंगल में ही अपना डेरा जमाए हुए थे। फिर धीरे-धीरे आंदोलन स्थल की कोशिश कर रहे थे। लेकिन, 19 जनवरी को पुलिस ने फिर से दांव की पिटाई की। उन्हें फिर से खदेड़ा है। गांव वालों ने तस्वीरें जारी कर पुलिस पर लाठी चार्ज करने का आरोप लगाया है। फुंडरी में विरोध प्रदर्शन करते ग्रामीण।

पुल निर्माण के विरोध में भी जारी है आंदोलन

बीजापुर जिले में इंद्रावती नदी पर पुल निर्माण का काम चल रहा है। इस पुल निर्माण कार्य का विरोध करने से नदी पार के 11 से अधिक गांव के ग्रामीण राशन, नोट लेकर फुंडरी गांव में शामिल हो गए हैं। 7 सूत्रीय प्रतिकृति लेकर गांव वालों का प्रदर्शन जारी है। ऐसा बताया जा रहा है कि, करीब 11 गांव पूरा खाली हो गया है। भारी संख्या में महिलाएं, पुरुष, बच्चे सहित भी विरोध प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे। सैकड़ों सैकड़ों लोगों ने रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया है।

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