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कैप्टन शिव चौहान | मिसाल: सबसे पहले युद्धक्षेत्र में देश की रक्षा करने वाली ये बहादुर बेटी बनीं कुमार पद पर काबिज होने वाली पहली महिला अधिकारी हैं

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सेना

तस्वीर: एएनआई

नई दिल्ली। जहां देश की रक्षा के लिए भारतीय सेना (भारतीय सेना) चौबीसो घंटे चौक पर चौकस रहती है, ताकि दुश्मन कभी भी आंख उठाएं हमारे देश की ओर ना देख पाएं। वहीं इस खास सर्विस में हर साल बड़ी संख्या में देश के बेटे-बेटियां सेना में शामिल होती हैं। अब ऐसी ही एक बेटी हैं कैप्टन शिवा चौहान, जिन्होंने एक महान इतिहास रचा है।

कैप्टन शिवा चौहान

दरअसल फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के अधिकारी कैप्टन शिवा चौहान सियाचिन ग्लेशियर के सबसे ऐतिहासिक युद्धक्षेत्र में होने वाली पहली महिला अधिकारी बनने का इतिहास रचा है। उनकी इस उपलब्धि की चर्चा अब पूरे देश में हो रही है। इसलिए ही नहीं इंडियन आर्मी फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने अपना आधिकारिक ट्विटर अकाउंट कैप्टन शिवा चौहान की सफलता के बारे में खुद जानकारी दी है। ट्वीट में लिखा है कि फायर एंड फ्यूरी सैपर्स की कैप्टन शिवा चौहान दुनिया की सबसे अनोखी युद्धभूमि कुमार पोस्ट में ऑपरेशनल के रूप में तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं।

जानकारी दें कि, ‘कुमार पोस्ट’ में पोस्टिंग से पहले शिवा को बा टायड कठिन सैन्य प्रशिक्षण से जाना पड़ा। दरअसल सियाचिन पृथ्वी पर सबसे ऊंचा युद्ध का मैदान है, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच 1984 से कई बार रुक-रुक कर लड़ाई हो रही है।

फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के बारे में जानें

दरअसल यह XIV कॉर्प्स या कहें ‘फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स’ है, यह भारतीय सेना की सबसे बेहतरीन मिलिट्री कॉर्प्स है। ये सेना के उधमपुर स्थित नॉर्दर्न कमांड का एक अहम हिस्सा है। यह 14 कॉर्प्स कारगिल-लेह के साथ-साथ इलाके में सेना को फिर से देखती है। इसके अलावा ये कॉर्प्स चीन, पाकिस्तान के साथ सीमा की अतिमहत्वापूर्ण देखभाल करता है। वहीं, सियाचिन ग्लेशियर की निगरानी भी इसी कॉर्प्स की जिम्मेदारी है।



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