भाजपा ने कहा- भाजपा ने फंसाया छल, कांग्रेस की बोली- मोदी का करियर किलर पीएम- आरक्षण संशोधन विधेयक पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस-बीजेपी में टकराव
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भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल और कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला।
– फोटो : बातचीत समाचार एजेंसी
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छत्तीसगढ़ में विवरण संशोधन बिल पर लगी हुई बयानबाजी की आग थम्ने का नाम नहीं ले रहा है। बीजेपी और कांग्रेस ने बिल को लेकर फिर एक-दूसरे पर फोकस किया है। भाजपा ने जहां कांग्रेस सरकार को दिवालियापन करियर किलर सरकार के दावे किए हैं, उनका कहना है कि एनरटसेट का खाता ही जुड़ा हुआ है। वहीं कांग्रेस ने बीजेपी को सत्य किलर पार्टी और प्रधानमंत्री मोदी को करियर किलर पीएम बताया है।
प्रदेश की आग में जल रहा है, इसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं
बीजेपी कार्यालय एकात्म परिसर में वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, इस सरकार के पास युवाओं को नौकरी देने के लिए पैसे नहीं हैं, क्योंकि नतीजा गलत फंसा है। पूरा प्रदेश अभी विवरण की आग में जल रहा है और इसके लिए भोपाल जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि, जनजाति जनजाति वर्ग के 32 प्रतिशत तथ्य समाप्त करने के लिए कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है।
बीजेपी ने इन दावों पर सवाल
- अखरोट के मामले में चार साल में क्या किया, इस पर कांग्रेस सरकार ने श्वेत पत्र जारी किया।
- कांग्रेसी समुदाय समुदाय और ईडब्ल्यूएस के लोगों को सच्चाई नहीं चाहिए।
- भूपेश सरकार के 76 प्रतिशत नतीजे आने के बाद भी हर वर्ग में असंतोष है। सभी राज्यपालों की गणना की गई है।
- स्टेट क्वांटिफायबल डाटाबेस कमीशन की रिपोर्ट राजभवन को दिए गए जवाब सार्वजनिक करें, पता चलेंगे सरकार वेट फेयर है।
- आजादी के बाद से कांग्रेस लगातार तथ्यों के नाम पर घटिया राजनीति कर रही है।
- कांग्रेस के कारण छत्तीसगढ़ में कंस्टीट्यूशनअल ब्रेकडाउन हो गया है ऐसी स्थिति कभी नहीं थी।
हाई कोर्ट में एनडीटी बचाओ सरकार ने कुछ नहीं किया
पूर्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि, वर्ष 2012 से उल्लेखनीय समाज को 32 प्रतिशत तथ्य मिल रहा था। 19 सितंबर 2022 को 20 साल का रिस्क हो गया। 2 दिसंबर को 70 दिन के बाद का उदाहरण देखें। चार साल से कांग्रेस की सरकार है। हाइकोर्ट में कोई तथ्य नहीं बनाया। जब किसी अधिकारी का मामला होता है तो करोड़ों रुपये देने वाले बड़े वकील होते हैं। न सॉर्ट लाये और न सुप्रीम कोर्ट से स्थगन लिया।
भाजपा नहीं चाहती कि राज्यपाल बिल पर हस्ताक्षर करें
वहीं कांग्रेस ने इसे लेकर पलटवार किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के बयानों से स्पष्ट हो गया कि भाजपा नहीं चाहती कि राज्यभवन वास्तविक रूप से हस्ताक्षर करें। बृजमोहन अग्रवाल ने एक बार भी नहीं कहा कि कुछ भी निश्चित रूप से अपेक्षित होगा। वे बार-बार फॉर्म के संबंध में फालतू बातें कर रहे हैं।
सरकार के जवाब के बाद भी राज्यपाल हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं
उन्होंने कहा कि, भाजपा संपूर्ण को कानून बनने से रोकने का मनशा है। बीजेपी न्यूटली किलर पार्टी, मोदी करियर किलर पीएम हैं। राज्यपाल ने खुद हड़पने की बात कही थी फिर क्यों रुका है? कहने पर रुका है? सरकार के 10 सवालों के जवाब के बाद भी दस्तखत क्यों नहीं हो रहे? यह सब बीजेपी की साजिश है। कांग्रेस को श्रेय न मिले इसलिए हस्ताक्षर नहीं होने दे रही है।
भाजपा भाजपा को लेकर स्थिति स्पष्ट करें
कांग्रेस नेता शुक्ला ने कहा कि, भाजपा को स्पष्ट रूप से चाहिए कि, खींचे गए समाज को दिए गए 32 प्रतिशत निष्कर्ष पर आपत्तिजनक है या अन्य पिछड़े वर्ग के लिए किए गए 27 प्रतिशत न्यूनाधिक संबंध है? इस बात का विरोध है कि न्यू न्यूट्रिएंट में खबरों के लिए 13 प्रतिशत न्यूट्रिएंट के लिए विरोध कर रहा है? या गरीब सवर्णों के 4 प्रतिशत तथ्य के विरोध में बीजेपी है।
मोदी सरकार ने तय की सीमाएं पार की, फिर यहां क्यों आपत्तिजनक है
कांग्रेस नेता ने कहा कि, तथ्य की सीमा 50 साल से ऊपर नहीं होगी, यह फैसला इंद्रा साहनी प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय में दिया था। मोदी सरकार ने एक हफ्ते में कानून बनाकर 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस के नतीजे को लागू कर उस सीमा को पार कर दिया। आज देश में 60 प्रतिशत तथ्य लागू है। ईसुप्रीम कोर्ट ने भी सही मान लिया। फिर छत्तीसगढ़ के 76 प्रतिशत विवरण को किस आधार पर गलत बताया जा रहा है?
बीजेपी नहीं विवरण लागू हो
उन्होंने कहा कि जब कर्नाटक विधान सभा से पारित होता है तब वहां के राज्यपाल हस्ताक्षर करते हैं। झारखंड और झारखंड विधानसभा में समान विवरण पारित किया गया है तो राज्यपाल हस्ताक्षर नहीं करते हैं। कर्नाटक में आपकी सरकार ने बनाई तो श्रेय आपकी पार्टी को मिलेगी। न्यू जर्सी बीजेपी के भ्रम में राजभवन में घुस गया है। बीजेपी नहीं चाहती कि छत्तीसगढ़ में एनट्रीट लागू हो।
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