खतरे का निशान: खतरे के ऊपर से बह रही है इंद्रावती नदी

छत्तीसगढ़ के बस्तर में पिछले 3 दिनों तक लगातार हुई बारिश से कई छोटे-बड़े नदी-नाले उफान पर हैं। बस्तर की जीवनदायिनी कही जाने वाली इंद्रावती नदी भी पूरी तरह शबाब पर है। इंद्रवाती डेंजर लेवल को पार कर चुकी है। नदी के बढ़ते जलस्तर ने प्रशासन और नदी के किनारे बसे गांवों और निचली बस्तियों के रहवासियों की टेंशन बढ़ा दी है। लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन अलर्ट हो गया है। सतर्क रहने मुनादी करवाई गई है।
बस्तर जिले के कलेक्टर चंदन कुमार ने प्रशासन की टीम को हाई अलर्ट पर रखा है और सभी निचली बस्तियों में सतत निगरानी रखने को कहा गया है। इधर, दंतेवाड़ा के कलेक्टर विनीत नंदनवार और SP सिद्धार्थ तिवारी खुद इंद्रावती नदी के किनारे बसे गांव और पारा का जायजा लेने के लिए पहुंचे हैं। लोगों को सावधानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उफनती नदी पर लकड़ी की छोटी डोंगी (नाव) चलाने की भी मनाही है। इसके अलावा बीजापुर जिले में भी प्रशासन की टीम को अलर्ट किया गया है।
दरअसल, इंद्रवाती नदी का जल स्तर पिछले तीन दिनों से बढ़ रहा है। 13-14 अगस्त की शाम वार्निंग लेवल 7 मीटर पार हो गया था। दूसरे दिन डेंजर लेवल 8.3 मीटर भी पार कर लिया और अब वर्तमान में 10.40 मीटर तक पानी चढ़ गया है। यदि आंकड़ों की मानें तो आज तक 10.75 मीटर तक जलस्तर बढ़ना था। यह पीक पॉइंट पर होता। हालांकि, आज सुबह से कई जिलों में बारिश थमी हुई है। इसलिए जलस्तर 10.75 तक नहीं पहुंच पाया।
जगदलपुर- बीजापुर नेशनल हाईवे 163 पर फुंडरी के पास इंद्रावती नदी का पानी सड़क पर आ गया था। सड़क पूरी तरह से जलमग्न हो गई थी। बताया जा रहा है कि, यहां पास में ही एक CRPF का कैंप भी है। कैंप तक पानी पहुंच चुका था। सड़क से इंद्रावती नदी की दूरी काफी अधिक है। पहली बार ऐसा हुआ है कि NH-163 पर नदी का पानी आ गया था।