अधिकारियों की मिलीभगत से,अवैध प्लाटिंग कर रहे कांग्रेसी नेता,करोड़ो की राजस्व नुकसान, गूंगे बहरे बनकर बैठी है शासन-प्रशासन।
अवैध कालोनी की भेंट चढ़ा प्राकृतिक नहर का अस्तित्व खतरे में ,मुख्यमंत्री बघेल की योजनाओं को विफल कर रहे अधिकारी
तहलका न्यूज़ चैनल की रिपोर्टिंग दुर्ग
दुर्ग / छत्तीसगढ़ राज्य में जब से कांग्रेस भूपेश बघेल की सरकार बनी है तब भूमाफिया,कोलमाफ़िया, रेत माफिया,शराब माफिया, बढ़ते ही नजर आ रही है। दुर्ग शहरऔर अन्य जिले में भी भूपेश बघेल के कुछ लोग ही इन सभी प्रकार के माफिया गिरी का कार्य कर रहे हैं। लगातार समाचारों में भी प्रकाशित किया गया है फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है क्यो?,शासन प्रशासन की मिलीभगत से इन अवैध खनन माफिया को हौसला बढ़ाया जा रहा है जिसके कारण छत्तीसगढ़ में पर्यावरण पूरी तरह से खराब हो गया है,छत्तीसगढ़ राज्य के हर जिले में हजारो की संख्या अवैध खनन हो या अवैध पेंडो की कटाई लगातार बढ़ रही है ।
इसी तरह दुर्ग जिला के व्हीआईपी जिले की गिनती में आने वाली कालोनी है किन्तु व्हीआईपी जिला होने के बाद भी अवैध प्लाटिंग और अवैध कालोनी पर जिला प्रशासन की कार्यवाही की बात सिर्फ कागजो तक ही सिमित नजर आ रही है,जिला मुख्यालय से लगे ग्राम मोहलई में 40 से 50 एकड़ में जिस तरह अवैध प्लाटिंग/कालोनी का निर्माण बाकायदा नम्बरिंग के द्वारा किया जा रहा है उससे तो यही प्रतीत होता है या तो जिला प्रशासन के इन जिम्मेदार अधिकारियों को मोहलई का रास्ता नहीं मालुम होगा या फिर मोहलई नामक ग्राम का नाम कभी सुने नहीं होंगे,जिला प्रशासन जब जानते हुए भी बहरे गूंगे की तरह देखते हुए बैठा है और किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। लगता है लगता है शासन व प्रशासन पूरी तरह बिक चुका है।
किन्तु इसी मोहलई ग्राम में नदी के करीब एक ऐसे किसान का खेत है जिसके खेत से पानी निकासी का कोई साधन नदी तक नहीं है,रमेश निषाद के परिवार के पास किसानी कि लगभग 6 एकड़ की जमीन है जो मोहलई ग्राम के उस अंतिम छोर पर है जहां पर रमेश निषाद के खेत तक बघेरा का पानी भी बरसात के दिनों में आ जाता है,कुछ वर्ष पूर्व तक यह पानी खसरा न. 118 जो प्राकृतिक रूप से बना नाला / नाहर था के द्वारा पानी नदी की ओर चला जाता था किन्तु जब से अवैध कालोनी के संचालको द्वारा इस प्राकृतिक नहर को पाट दिया गया तब से बरसात के दिनों में रमेश निषाद को अपने खेत में जमे पानी को निकालने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है अपनी इस व्यथा को रमेश निषाद ने लिखित में शिकायत दे कर शासन को अवगत कराया किन्तु समस्या वैसे ही बना हुआ है।
इस बारे में जब किसानी कर रहे रमेश निषाद के बेटे से चर्चा हुई तो उनके कथन अनुसार दुर्ग के निवासी पदम् जैन द्वारा कालोनी निर्माण और कालोनी में जाने के लिए मार्ग का निर्माण कर दिया गया किन्तु निर्माण के समय पानी निकासी हो ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गयी, जिसके कारण बरसात के दिनों में फसल को नुक्सान पहुँचता है और भारी बारिश के कारण दिक्कतें आती है । वही प्राकृतिक रूप से बने नाहर / नाला (खसरा न. 118 ) को पाटने से स्थिति और विकट हो गयी ।
अवैध कालोनी की जानकारी उच्च अधिकारियों की जानकारी में है ..पटवारी ने बताया कि
इस विषय में जब क्षेत्र के पटवारी से चर्चा की गयी तो मै छोटे कर्मचारी हुँ जैसे आदेश वैसे काम और उन्होंने कहा कि अवैध कालोनी विकसित होने के बारे में एवं प्राकृतिक नहर /नाला जो लगभग ढाई एकड़ के करीब है जिसकी जानकारी अधिकारी को दे दी है,वही कुछ क्षेत्र के कुछ खसरा न. पर भी बिक्री के लिए रोक लगाया गया है,फिर कांग्रेसी नेता हैं कौन रोक सकेगा।
पंचायत द्वारा नहीं दी गयी भवन बनाने की अनुमति …
वही मोहलई के एक पंच का कहना है कि क्षेत्र में किसी भी भवन निर्माण के लिए पंचायत की अनुमति लेनी होती है किन्तु पदम् जैन के द्वारा जिस क्षेत्र में कालोनी विकसित की जा रही उस क्षेत्र में कोई भी भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी गयी है, जबकि अगर जमीनी हकीकत देखे तो उक्त स्थान पर कुछ मकान बन चुके है और सडको का जाल बिछा हुआ है ।
टाउन एंड कंट्री प्लान विभाग वालो को जानकारी हैं फिर भी कार्यवाही क्यो नही …?
वही अवैध कालोनी निर्माण पर नजर रखने एवं कार्यवाही करने की सबसे ज्यादा प्रशसनिक शक्ति अगर किसी के पास है तो वह टाउन एंड कंट्री प्लान विभाग के पास है किन्तु विभाग द्वारा पूरी जानकारी होने के बाद भी किसी तरह की कार्यवाही का ना करना एवं कार्यवाही के लिए सम्बंधित तहसीलदार को पत्र ना लिखना ही साफ़ दर्शाता है कि जिले का टाउन एंड कंट्री प्लान विभाग किस स्थिति में कार्य कर रहा है . ऐसी भी बात नहीं कि इस कालोनी के बारे में जानकारी नहीं विभाग को . पिछले साल विभाग द्वारा एक खसरा न. पर अवैध प्लाटिंग की कार्यवाही के रूप में नोटिस प्रेषित किया गया किन्तु उसके बाद यह विभाग भी वर्तमान समय तक मौन है जब विभाग के अधिकारियों ने चर्चा के दौरान इस कालोनी की वास्तु स्थिति की पूरी जानकारी दी
मुख्यमंत्री के नरवा घुरवा बारी प्रोजेक्ट के उद्देश्य को भी भूल गए अधिकारी …एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पानी की एक एक बूंद को सहेजने के लिए नरवा प्रोजेक्ट पर जो दे रहे है वही मोहलई में खसरा न. 118 में स्थित लगभग ढाई एकड़ के क्षेत्र मे बने प्राकृतिक नाहर /नाला को पाटा जा रहा है जिसकी जानकारी पटवारी से लेकर उच्च अधिकारियों तक है किन्तु इस मामले में सभी अधिकारी मौन है ,क्या दुर्ग जिला मुख्यालय से लगे इस प्राकृतिक नाहर /नाला की रक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी करेंगे या कमरों में बैठ कर शिकायत का इंतज़ार करेंगे ।