कवर्धा की खबर: वन मंत्री के क्षेत्र में बहुमूल्य वृक्षों की अवैध कटाई कर तस्करी,पर्यावरण खतरे में,जानिए पूरा मामला कहा का है…
क्षेत्र में सागौन एवं बहुमूल्य वृक्षों की अवैध तथा तस्करी जारी
घने वनों के लिये प्रसिध्द क्षेत्र हो रहा वीरान
वन अमला निष्क्रिय
कवर्धा,बोडला ।कवर्धा जिले का बोडला तहसील जो कुछ वर्षों पूर्व साजा सरई बीजा हल्दू एवं सागौन घनो वन के रूप मेँ जाना जाता था इन राष्ट्रीय कृत वृक्षों से आच्छादित घने वन से हरा भरा रहने वाला क्षेत्र वृक्षो की अवैध कटाई के चलते वीरान नजर आता है ।प्रतिदिन सैकडों की संख्या में कुल्हाडी एवं आरी से अवैध कटाई कर सिलपट बना तस्करी किया जा रहा है ।जिसके कारण वनों का तेजी से विनाश हो रहा है ।बोडला के वन परिक्षेत्र कवर्धा सामान्य चिल्फी रँगाखार एवं तरेगांव जंगल हो या विभिन्न वन विकास निगम के वन परिक्षेत्र मे अवैध कटाई एवं तस्करी के चलते उजाडता जा रहा है ।
वन परिक्षेत्र कवर्धा सामान्य के बोडला क्षेत्र के बैरख रानी दहरा पालक बन्जारी इत्यादि बीटो में बहुमूल्य सागौन सरई हल्दू वृक्षों को काट कर तस्करी की जा रही है ।स्तिथि यह है कि शासन को अच्छी राशि देने वाला एक वृक्ष सिलपट के रूप में मात्र दो चार सौ मे तस्करो द्वारा बेचा जाता है ।जिससे शासन की भारी क्षति हो रही है । सुबह दिन निकलने के पूर्व अन्धेरे में ही सिलपट मैदानी ग्रामों तक पहुंच जाता है किंतु वन विभाग का अमला लगातर निष्क्रिय नजर आता है अथवा जान बुझकर आंखे मुउंदे है ।वन विभाग करोडों खर्च कर वन क्षेत्र में वन रक्षक बीट गार्ड एवं डिप्टी रेंजरो के लिये आवासो का निर्माण किया गया है किंतु बैरख आमनरा पालक बन्जारी चोरभाट्ती के इन आवासों में ताले नजर आते है।अधिकांश वन अमला शहरों में निवास करता है जो गाहे बिगाहे वन क्षेत्र का दो चार घन्टे दौरा कर शहरों में वापस चले जाते है ।जिसके कारण वन मफिययौ एवं अवैध कटाई करने वालों को निर्बाध सुविधा रहती है सागौन एवं अन्य विक्षो को तैयार करने मे दस पंद्रह साल लगते है उसे एक दो घन्टे मेँ ही काट कर नष्ट कर दिया जाता है ।शहरों में निवास रत वन अमला किसी निर्माण कार्य कराने एवं सप्ताह में एक दिन दो चार घन्टे बिता कर वापस चले जाने के कारण वन मंत्री के क्षेत्र के वन तेजी से नष्ट हो रहे है।
अवैध कटाई के चलते सागौन एवं अन्य प्रजाति के वृक्षो के ठूंठ
परिसर रक्षको के ताले लगे निवास गृह